Maharashtra Day 2025: महाराष्ट्र केवल एक राज्य नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है. ये वही धरती है जहां छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे योद्धा पैदा हुए. ये वही ज़मीन है जिसने सामाजिक क्रांति के पुरोधा डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को जन्म दिया. और ये वही महाराष्ट्र है जो आज भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई को अपने सीने में संजोए हुए है. इस महाराष्ट्र स्थापना दिवस आइए जानते हैं इस राज्य के गढ़ने और सपनों का शहर बनने तक के ऐतिहासिक सफर के बारे में.
गर्वी गुजरात की गूंज: जब 1 मई को बना एक नया इतिहास! संघर्ष, संस्कृति और समृद्धि की मिसाल गुजरात
1 मई को कैसे बना राज्य?
1 मई 1960 का दिन इतिहास में खास दर्ज है. इस दिन बॉम्बे स्टेट को भाषाई आधार पर दो हिस्सों में बांटा गया- गुजरात और महाराष्ट्र. इसी के साथ महाराष्ट्र ने अपनी अलग पहचान बनाई और मराठी भाषा को अधिकारिक पहचान मिली.
महाराष्ट्र: जहां हर कोना कुछ कहता है
इस राज्य की सीमा उत्तर में गुजरात और मध्य प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में कर्नाटक और तेलंगाना से मिलती है. पश्चिम में अरब सागर इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाता है. पुणे की शिक्षण नगरी से लेकर नासिक की आस्था, औरंगाबाद की विरासत से लेकर नागपुर की राजनीतिक सक्रियता- महाराष्ट्र हर रूप में विविधतापूर्ण है.
मुंबई: सिर्फ शहर नहीं, सपना है
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई सिर्फ एक शहर नहीं, एक जज़्बा है. फिल्म इंडस्ट्री से लेकर शेयर बाजार तक, यह शहर न जाने कितनों के ख्वाबों का घर बन चुका है. यहां का जीवन भी महाराष्ट्र की गतिशीलता को दर्शाता है.
यह भी पढ़ें: International Labor Day 2025 हर साल 1 मई को ही क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस? जानिए इसके पीछे का इतिहास और महत्व
सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत
महाराष्ट्र ने संत तुकाराम से लेकर सावरकर तक, हर युग में समाज सुधारकों और वीरों को जन्म दिया. गणपति उत्सव, लावणी नृत्य, वऱ्हाडी बोली और पंढरपुर की वारी-हर पहलू इसकी सांस्कृतिक गहराई का प्रमाण है.
आत्मनिर्भरता की मिसाल
आज महाराष्ट्र कृषि, उद्योग, शिक्षा, चिकित्सा और पर्यटन हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व कर रहा है. चाहे सह्याद्री की पहाड़ियां हों या मुंबई की बिजनेस स्ट्रीट, महाराष्ट्र आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर बन चुका है.
विश्व पायलट दिवस : एक्टर ही नहीं, प्रशिक्षित पायलट भी हैं ये सितारे, लिस्ट में 'बिग बी' भी शामिल