पाकिस्तान को लेकर दुनियाभर में कई तरह की चर्चाएं होती रहती हैं. कई लोग इसे खतरनाक देश मानते हैं, तो कुछ का कहना है कि यहां आम नागरिकों के लिए कोई खास खतरा नहीं है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या पाकिस्तान सच में सुरक्षित देश नहीं है? अगर कोई व्यक्ति यहां जाए, तो क्या वह सुरक्षित वापस आ सकता है?
आतंकवाद और आंतरिक हिंसा
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों का गढ़ रहा है. कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में इस बात की पुष्टि की गई है कि पाकिस्तान में तालिबान, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की मौजूदगी है. ये संगठन देश के विभिन्न हिस्सों में हमलों को अंजाम देते रहते हैं.
आए दिन पाकिस्तान में आतंकी हमले, बम धमाके, और राजनीतिक हत्याएं होती रहती हैं. खासकर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे इलाकों में हिंसा का स्तर काफी अधिक है. ऐसे में किसी भी विदेशी व्यक्ति के लिए वहां जाना जोखिम भरा हो सकता है.
विदेशियों के लिए सुरक्षा चिंता का विषय
अगर कोई विदेशी नागरिक या भारतीय व्यक्ति पाकिस्तान जाता है, तो उसके लिए वहां कई चुनौतियां और जोखिम हो सकते हैं.
1. भारत-पाक संबंधों का प्रभाव – भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनाव रहा है. ऐसे में किसी भारतीय नागरिक के लिए पाकिस्तान जाना और वहां सुरक्षित रहना एक बड़ी चुनौती होती है.
2. सरकारी निगरानी और जासूसी के आरोप – कई बार पाकिस्तान में भारतीयों पर जासूसी करने के आरोप लगाए गए हैं. कुलभूषण जाधव इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था.
3. सामाजिक और धार्मिक कट्टरता – पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरता बहुत ज्यादा है. वहां पर गैर-मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा की खबरें आती रहती हैं. ऐसे में किसी विदेशी या अलग धार्मिक पहचान वाले व्यक्ति के लिए वहां रहना मुश्किल हो सकता है.
क्या पाकिस्तान जाने वाले सुरक्षित लौट सकते हैं?
हालांकि, पाकिस्तान में कई लोग मेहमाननवाजी के लिए भी जाने जाते हैं. वहां कुछ इलाके, जैसे लाहौर और इस्लामाबाद, अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाते हैं. लेकिन यह भी गारंटी नहीं देता कि वहां सब कुछ पूरी तरह सुरक्षित रहेगा. अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल एडवाइजरी के अनुसार, पाकिस्तान की यात्रा करने से पहले वहां की सुरक्षा स्थिति की जांच करना जरूरी है. कई देशों ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा न करने की सलाह दी है.