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मशरूम की खेती कैसे करें Photograph: (Freepik)
खेती-किसानी की दुनिया बदल रही है. जहां परंपरागत खेती महंगी होती जा रही है, वहीं किसानों को मुनाफा भी कम मिलता है. खासकर जिनके पास जमीन कम है या बिल्कुल नहीं है, उनके लिए हालात और मुश्किल हैं. लेकिन अब समाधान है मशरूम की खेती. जी हां, सिर्फ 15 बाई 15 के छोटे कमरे में भी किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं.
पारंपरिक खेती में लागत बढ़ती जा रही है. जमीन की कमी है, पानी का संकट है और मेहनत के बाद भी दाम सही नहीं मिलते. ऐसे में मशरूम खेती कम खर्च, कम जगह और कम समय में ज्यादा कमाई का मौका देती है. भारत में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ रही है. साल 2023-24 में इसकी खपत 3 लाख टन से ज्यादा रही,
बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाले मशरूम हैं-
- बटन मशरूम
- ऑयस्टर मशरूम
- पेडी स्ट्रॉ मशरूम
इनकी डिमांड अब केवल शहरों में ही नहीं, बल्कि गांवों में भी खूब बढ़ रही है. यानी बेचने में परेशानी नहीं होगी. एक साधारण उदाहरण लें. अगर किसान बटन मशरूम उगाते हैं, तो करीब 1300 रुपये खर्च आता है. इससे लगभग 20 किलो मशरूम तैयार हो जाते हैं. मार्केट रेट 150 रुपये किलो मानें तो कुल बिक्री होती है 3000 रुपये. खर्च घटाने के बाद करीब 1700 रुपये का साफ मुनाफा बचता है. यही काम हर महीने दोहराकर किसान लगातार कमाई कर सकते हैं.
मशरूम की खेती कैसे करें?
- सबसे पहले किस्म चुनें और बाजार से स्पॉन (बीज) व भूसा लाएं.
- भूसे को पानी में उबालकर बैक्टीरिया खत्म करें.
- ठंडा करके प्लास्टिक बैग में भरें और ऊपर से बीज डालें.
- बैग में छोटे छेद कर बाँध दें और अंधेरे कमरे में 60–75 डिग्री तापमान पर रखें.
- 2–3 हफ्तों में मशरूम उगने लगेंगे, जिन्हें काटकर बेच सकते हैं.
सरकारी मदद भी उपलब्ध
कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) मुफ्त ट्रेनिंग देते हैं. हॉर्टिकल्चर विभाग और नाबार्ड जैसी संस्थाओं से लोन व सब्सिडी भी मिलती है. कई राज्यों में मशरूम यूनिट लगाने पर 50% से 90% तक सब्सिडी उपलब्ध है. कम जगह, कम पानी और कम मेहनत में ज्यादा फायदा यानी मशरूम खेती किसानों की नई उम्मीद बनकर उभर रही है.
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