आपने बचपन में कभी न कभी ये जरूर सुना होगा कि अगर हम जमीन में लगातार गड्ढा खोदते जाएं, तो क्या हम धरती के दूसरी ओर पहुंच जाएंगे? ये सवाल जितना रोचक है, उतना ही वैज्ञानिक रूप से जटिल भी. पृथ्वी की गहराइयों को जानने की जिज्ञासा वैज्ञानिकों को भी रही है, लेकिन क्या किसी ने सच में ऐसा करने की कोशिश की? आइए इस रहस्य से पर्दा उठाते हैं.
क्या धरती को पार किया जा सकता है?
पृथ्वी की एवरेज रेडियस लगभग 6,371 किलोमीटर है. इसका मतलब है कि अगर हम किसी बिंदु से खुदाई शुरू करें और सीधे नीचे जाते रहें, तो हमें कम से कम 12,742 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी, ताकि हम दूसरी तरफ निकल सकें. लेकिन यह संभव नहीं है, क्योंकि पृथ्वी की अंदरूनी संरचना कई जटिल परतों से बनी है.
ऐसे में पृथ्वी की परतें और उनकी चुनौतियां हैं, जो सामने करने को पड़ सकती हैं.
- क्रस्ट (Crust) - 30-50 किमी, यह धरती का ऊपरी ठोस भाग है, जिसमें महाद्वीप और महासागर शामिल हैं.
- मेंटल (Mantle) - 2,900 किमी, यहां पिघली हुई चट्टानें (मैग्मा) होती हैं, जो अत्यधिक गर्म और द्रव जैसी होती हैं.
- आउटर कोर (Outer Core) - 2,200 किमी, यह पूरी तरह से पिघला हुआ लोहा और निकल होता है, जिसका तापमान 4,000-6,000°C तक होता है.
- इनर कोर (Inner Core) - 1,250 किमी: यह पृथ्वी का सबसे भीतरी भाग है, जो ठोस धातुओं (लोहा और निकल) से बना होता है.
अब तक की सबसे गहरी खुदाई कहां हुई?
वैज्ञानिकों ने धरती के रहस्यों को समझने के लिए कई गहरे गड्ढे खोदे, लेकिन अब तक कोई भी पूरी पृथ्वी को पार नहीं कर पाया है. सबसे गहरी खुदाई रूस में हुई थी. इसे कोला सुपरडीप बोरहोल (Kola Superdeep Borehole) कहां जाता है. यह खुदाई रूस में 1970 में शुरू की गई थी. वैज्ञानिकों ने लगभग 12.2 किलोमीटर गहरा गड्ढा खोदा था. लेकिन अत्यधिक गर्मी (180°C) और बढ़ते दबाव के कारण खुदाई को रोकना पड़ा. यह अब तक की सबसे गहरी मानव-निर्मित खुदाई है.
क्या कोई सुरंग बनाकर आर-पार जाया जा सकता है?
कुछ वैज्ञानिकों ने “ग्रेविटेशनल ट्रेन” (Gravitational Train) का विचार दिया है, जिसमें एक सुरंग पूरी पृथ्वी को पार करती है. सिद्धांत रूप से, अगर कोई इस सुरंग में कूदे, तो वह गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से 42 मिनट में दूसरी तरफ पहुंच सकता है. लेकिन यह पूरी तरह काल्पनिक विचार है, क्योंकि पृथ्वी के अंदर का तापमान और दबाव इतना अधिक है कि कोई भी संरचना इसे सहन नहीं कर सकती.
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की गहराइयों को समझने की बहुत कोशिश की है, लेकिन कोई भी अभी तक धरती को पूरी तरह पार नहीं कर पाया है. पृथ्वी के मेंटल और कोर में मौजूद अत्यधिक गर्मी और दबाव के कारण ऐसा करना असंभव है. हालांकि, भविष्य में अगर कोई नई तकनीक विकसित होती है, तो हो सकता है कि हम धरती के अंदर की और अधिक गहराई तक पहुंच सकें. फिलहाल, यह एक विज्ञान-कथा जैसा ही लगता है.
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