भारत में शादी-विवाह को लेकर अलग-अलग रीति-रिवाज होते हैं. खासतौर पर हिंदू धर्म में शुभ अवसरों पर सफेद और काले रंग के कपड़ों को अशुभ माना जाता है. लेकिन इसी हिंदुस्तान में कुछ ऐसे जाति और धर्म के लोग भी हैं, जो इन रंगों को शुभ मानते हैं. दरअसल, मध्य प्रदेश के मंडला जिले के भीमडोंगरी गांव में एक अनोखी परंपरा है, जहां दुल्हन की विदाई सफेद कपड़ों में होती है. यहां के लोगों के लिए सफेद रंग खुशी का प्रतीक माना जाता है.
सफेद रंग को माना जाता है शुभ
भीमडोंगरी गांव में रहने वाले लोग गौंडी धर्म को मानते हैं, और उनके धार्मिक विश्वासों के अनुसार, सफेद वस्त्र शुभ माने जाते हैं. यही कारण है कि शादी के दौरान दुल्हन को पारंपरिक रूप से सफेद कपड़ों में विदा किया जाता है. गांव के बुजुर्गों का कहना है कि गौंडी परंपरा में सफेद रंग को पवित्रता, शांति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. जहां बाकी समाज में सफेद कपड़े केवल शोक या संतों द्वारा पहने जाते हैं, वहीं इस गांव में शादी जैसे शुभ मौके पर सफेद वस्त्र पहनने की परंपरा है.
परंपरा को लेकर गांववालों की मान्यता
गांव के लोगों का मानना है कि सफेद रंग नई जिंदगी की शुरुआत का प्रतीक है और यह विवाह के बंधन को मजबूत और पवित्र बनाता है. यही कारण है कि हर शादी में इस परंपरा को निभाया जाता है. जब इस परंपरा की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंची, तो कई लोग हैरान रह गए. आमतौर पर दुल्हन को शादी में लाल, गुलाबी या सुनहरे रंग के जोड़े में देखा जाता है, लेकिन इस गांव में सफेद जोड़ा ही शुभ माना जाता है.
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संस्कृति की झलक और परंपरा का सम्मान जरूरी
भारत विविधताओं का देश है, जहां हर समुदाय की अपनी अलग पहचान और परंपराएं हैं. भीमडोंगरी गांव की यह परंपरा हमें सिखाती है कि हर समाज के रीति-रिवाजों का सम्मान करना जरूरी है.
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