मोदी सरकार के राज में भी खेल रत्न पर छिड़ा विवाद, विराट कोहली को '0' पॉइंट पर मिला पुरस्कार, 80 पर बजरंग पुनिया चूके
सरकार ने यह पुरस्कार संयुक्त रूप से भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट और वर्ल्ड चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू (48 किग्रा) को देने का फैसला किया है.
नई दिल्ली:
खिलाड़ियों को सम्मान और मौके देने के लिए प्रसिद्ध पीएम मोदी की सरकार में भी खेल रत्न को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय खेल मंत्रालय की ओर से देश के सर्वोच्च खेल सम्मान-राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की लिस्ट जारी होने के बाद विवादों का दौर भी शुरू हो गया है. गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और जकार्ता एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने इस खेल के लिए नामित खिलाड़ियों पर सवाल उठाते हुए कोर्ट जाने की बात कही है.
सरकार ने यह पुरस्कार संयुक्त रूप से भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट और वर्ल्ड चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू (48 किग्रा) को देने का फैसला किया है.
पहलवान बजरंग पुनिया ने खिलाड़ियों के नाम पर सवाल उठाते हुए कहा कि परफॉर्मेंस शीट में उनके पास सबसे ज्यादा प्वांइट्स होने के बावजूद खेल पुरस्कार के लिए नाम को नजरअंदाज कर दिया गया.
उन्होंने कहा, 'कमिटी ने उन्हें सर्वोच्च स्कोर दिया था, लेकिन सबसे बड़े खेल पुरस्कार के लिए उनके नाम को नजरअंदाज कर दिया गया. मैं उनसे (कमिटी सदस्यों) पूछना चाहता हूं कि ऐसे में प्वांइट सिस्टम के होने का क्या उपयोग है?'
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पुनिया ने दावा किया है कि उनके पास दस्तावेज मौजूद है जिसके अनुसार खेल रत्न पाने की रेस में कम से कम छह लोग और थे, जिनका टोटल चानू से ज्यादा था. पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट (दोनों के 80-80 पॉइंट्स थे) ने अपनी उपलब्धियों के आधार पर सबसे ज्यादा पॉइंट्स अर्जित किए थे.
इन दस्तावेजों के अनुसार भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को '0' पॉइंट्स मिले थे वहीं, वर्ल्ड चैंपियन वेटलिफ्टर मीराबाई चानू को 44 पॉइंट्स मिले थे.
बजरंग ने कहा कि मैं मीराबाई और कोहली का सम्मान करता हूं. वे दोनों चैंपियन खिलाड़ी हैं लेकिन जब मैं अपने और मीराबाई के क्रेडेंशल्स देखता हूं, तो कोई तुलना ही नहीं है. आपने उन्हें अवॉर्ड दिया तो मुझे भी दीजिए.
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वहीं पुरस्कार के लिए चुने गए नामों पर विचार करने वाली समिति ने एक अखबार से बात करते हुए बताया कि जब कोहली का नाम चर्चा के लिए आया तो क्रिकेट के लिए प्वांइट सिस्टम न होने के कारण हाथ उठाए गए और तब जाकर उनका नाम चुना गया.
आपको बता दें कि क्रिकेट के लिए कोई प्वांइट सिस्टम नहीं है, जो ओलिंपिक स्पोर्ट नहीं है. ऐसे में क्रिकेटरों को सहमति के आधार पर चुना जाता है, जिससे विवाद पैदा होने की संभावना रहती है.
उन्होंने आगे बताया, '11 सदस्यों में से 8 ने कोहली की उम्मीदवारी का समर्थन किया और इस तरह से उनके नाम की सिफारिश की गई.'
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दिलचस्प बात यह है कि कमिटी अपने से किसी भी खिलाड़ी को 20 पॉइंट्स तक दे सकती है और उसके बाद प्वांइट्स ओलिंपिक, विश्व चैंपियनशिप, एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में प्रदर्शन के आधार पर मिलता है.
17 आवेदकों में से कमिटी ने 11 को शॉर्टलिस्ट किया और उन्हें इस प्रकार से प्वांइट दिए- चानू (19), कोहली (18.5), श्रीकांत (18), विनेश (13), रोहन बोपन्ना (12), बजरंग पूनिया (12), नीरज चोपड़ा (15), दीपा मलिक (12), विकास कृष्णन (14) मनिका बत्रा (13) और पैरा रेसलर विरेन्दर सिंह (12).
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