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किदांबी श्रीकांत एक ऐसा खिलाड़ी जिसने बैडमिंटन कोर्ट पर सफलता की कई इबारतें लिखी

किदांबी श्रीकांत ने रविवार को दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी ली ह्यून को हराकर डेनमार्क ओपन सुपर सीरीज अपने नाम कर लिया।

Updated on: 23 Oct 2017, 08:08 AM

नई दिल्ली:

भारतीय बैडमिंटन अपने स्वर्णिम दौर से गुज़र रहा है। दिन-प्रतिदिन बैडमिंटन कोर्ट में सफलता की नई इबारतें लिखी जा रही हैं। खिलाड़ियों के बेहतरीन खेल की बदौलत भारत की गिनती इस खेल के अग्रणी देशों में होने लगी है।

भारतीय बैडमिंटन को टॉप पर पहुंचाने में किदांबी श्रीकांत का महत्वपुर्ण योगदान है। किदांबी श्रीकांत ने 2011 से जो जीत की पटकथा लिखनी शुरू की वो आज तक जारी है।

किदांबी श्रीकांत ने रविवार को दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी ली ह्यून को हराकर डेनमार्क ओपन सुपर सीरीज अपने नाम कर लिया। किदांबी श्रीकांत ने डेनमार्क ओपन को जीतने के साथ ही साल का तीसरा सुपर सीरीज अपने नाम कर लिया। श्रीकांत ने इससे पहले इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलियाई ओपन अपने नाम किया था।

आइए एक नजर डालते हैं उनके अब तक के बैडमिंटन के सफर पर

साल 2011- कॉमनवेल्थ गेम्स में मिक्स्ड डबल में रजत और डबल में कांस्य पदक जीता।

साल 2012- मालदीव्स इटरनेशनल चैलेंज में उस समय के जुनियर वर्ल्ड चैंपियन मलेशिया के जुल्किफफी को हरा कर जूनियर विश्व चैंपियन बने।

साल 2013-थाईलैंड ओपन ग्रैंड पिक्स गोल्ड इवेंट में सिंगल टाइटल खिताब जीता।

साल 2014- इस साल इन्होंने कई टूर्नामेंट जीते। लखनऊ में होने वाले 'इंडियन ओपन ग्रैंड पिक्स गोल्ड' में रनर अप रहे। मलेशिया ओपन में क्वार्टर फाइनलिस्ट रहे। 'चाइना ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर' के फाइनल में 5 बार के विश्व चैंपियन और 2 बार ओलंपिक चैंपियन लीन जैन को हराकर सुपर सीरीज प्रीमियर का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने।

साल 2015- स्विस ओपन ग्रैंड प्रिक्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने।

साल 2016-मलेशिया मास्टर्स के सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। रियो अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक में लीणो मुनोज और हेनरी हुस्कैनेन को हरा कर टॉप 16 में पहुंचे।

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इस साल की बैत करें तो श्रीकांत ने ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सिरीज़ अपने नाम कर लिया। श्रीकांत ने ख़िताबी मुक़ाबले में चीन के चेन लोंग को 22-20, 21-16 के सीधे सीटों में हराया। इसके अलावा इंडोनेशियाई सुपर सिरीज़ का ख़िताब भी जीता।

जिस तरह का किदांबी श्रीकांत का रिकॉर्ड रहा है उसे देखते हुए कह सकते हैं कि भारतीय बैडमिंटन का सुनहरा दौर चल रहा है और किदांबी श्रीकांत को अभी कई और स्वर्णिम इतिहास लिखना बांकी है।

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