logo-image

किसानों के हित में मध्य प्रदेश सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम, पढ़ें पूरी खबर

मध्य प्रदेश के किसानों के हित में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है.

Updated on: 30 May 2019, 08:37 AM

highlights

  • किसानों के हित में सरकार ने उठाया बड़ा कदम 
  • मंडियों में फसल बेचने पर उसी दिन होगा 2 लाख तक नगद भुगतान
  • नियमों का पालन न करने पर रद्द हो सकता है व्यापारी का लाइसेंस

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों के हित में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. अब किसानों को कृषि उपज मंडियों में उपज विक्रय करने पर उसी दिन अधिकतम दो लाख रुपये का नगद भुगतान और इससे अधिक मूल्य होने पर शेष राशि बैंक ट्रांसफर से भुगतान सुनिश्चित कराने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं. इस संबंध में इससे जुड़े सभी विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं.

यह भी पढ़ें- साध्वी प्रज्ञा के बाद अब बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को बताया राष्ट्रभक्त

उल्लेखनीय है कि शासन स्तर पर ऐसी शिकायतें मिल रही थी कि आयकर अधिनियम के सामान्य भुगतान नियम का हवाला देते हुए मात्र 10 हजार रुपये तक ही नगद भुगतान किया जा रहा है. कुछ व्यापारियों द्वारा आयकर अधिनियम की आड़ लेकर नगद भुगतान न कर किसानों से उधारी की जाती है और खरीदी गई उपज आगे बेचकर राशि प्राप्त होने पर ही कृषकों को भुगतान किया जाता है.

आयकर नियम-1961 की धाराओं के अंतर्गत किसानों/उत्पादकों द्वारा बेची गई कृषि उपज पर रुपये दो लाख तक नगद भुगतान पर पूर्ण छूट है. यह भुगतान प्राप्त करने पर कृषकों को उनका पेनकार्ड अथवा फार्म नम्बर-60 भेजने की कोई आवश्यकता नहीं है. कृषि उपज मंडी अधिनियम धारा-37 (2) के अनुसार मंडी प्रांगण में खरीदी गई कृषि उपज का भुगतान विक्रेता को उसी दिन मंडी प्रांगण में किया जाना जरूरी है.

यह भी पढ़ें- राकेश सिंह ही बने रहेंगे मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष, जानें इसके पीछे की बड़ी वजह

उसी दिन भुगतान नहीं होने की स्थिति में इसी धारा में विक्रेता को देय राशि के एक प्रतिशत रोजाना की दर से अतिरिक्त भुगतान 5 दिन में करने का प्रावधान है. साथ ही इस अतिरिक्त अवधि में भुगतान का व्यतिक्रम होने पर मंडी अधिनियम की इसी धारा में क्रेता व्यापारी की अनुज्ञप्ति छठे दिन स्वत: रद्द मानी जाएगी. मंडी सचिव अनुज्ञा पत्र जारी करने के पूर्व यह सुनिश्चित करेंगे कि किसानों का भुगतान हो चुका है. यदि कोई लाइसेंसी व्यापारी अधिनियम के निर्देशों का पूर्ण परिपालन नहीं करता है तो उसके क्रय-विक्रय को रोके जाने तथा लाइसेंस रद्द करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं.

जारी निर्देशों में उल्लेख है कि अनुज्ञप्तिधारी प्रोसेसिंग प्लांट, एकल अनुज्ञप्ति/विशिष्ट अनुज्ञप्ति क्रय केन्द्र, जहां पर कृषि उपज क्रय मात्रा एवं दैनिक भुगतान की मात्रा अत्यधिक रहती है और इस वजह से 2 लाख रुपये नगद भुगतान व्यवस्था संभव नहीं है, क्रय दिन में अधिकतम संभव नगद भुगतान किया जाएगा. शेष भुगतान उसी दिन आरटीजीएस/एनईएफटी आदि से कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- केंद्र में दिख सकता है मध्य प्रदेश का दबदबा, मोदी मंत्रिमंडल में मिल सकती है इन चार सांसदों को जगह

इन निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार तथा ध्वनि विस्तारक यंत्रों से उद्घोषणा के निर्देश भी दिये गये हैं. किसानों की भुगतान संबंधी शिकायत दर्ज कराने के लिये मंडी सचिव एवं प्रांगण प्रभारी, भुगतान प्रभारी के नाम और मोबाइल नम्बर भी सहज रूप से दिख जाने वाले स्थान पर प्रदर्शित करने को कहा गया है.

यह वीडियो देखें-