World Pneumonia Day 2025: निमोनिया से ठीक होने के बाद बच्चे का खान पान कैसा हो? एक्सपर्ट से जानें

World Pneumonia Day 2025: निमोनिया की समस्या आज के समय में ज्यादातर बच्चों में देखी जाती है. इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर दवाइयों के साथ ही सही डाइट और साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह देते हैं.

World Pneumonia Day 2025: निमोनिया की समस्या आज के समय में ज्यादातर बच्चों में देखी जाती है. इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर दवाइयों के साथ ही सही डाइट और साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह देते हैं.

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Akansha Thakur
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World Pneumonia Day 2025

World Pneumonia Day 2025

WorldPneumoniaDay 2025: सर्दियों के मौसम में बच्चों में निमोनिया के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं. यह एक गंभीर संक्रमण है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है. डॉक्टरों के अनुसार, निमोनिया से ठीक होने के बाद बच्चों को विशेष देखभाल और पौष्टिक डाइट की जरूरत होती है ताकि वे जल्द स्वस्थ हो सकें. लेकिन अगर इसके इलाज में देरी की जाए तो यह सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं निमोनियाडे क्यों मनाया जाता है और इसका असर कैसा होता है.

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क्यों मनाया जाता है निमोनियाडे 2025? 

हर साल 12 नवंबर को वर्ल्डनिमोनियाडे मनाया जाता है. जिलका उद्देश्य लोगों को निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक करना और उससे बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी देना शामिल है. निमोनिया के ट्रीटमेंट के बाद उसे रिकवर होने में समय लगता है ऐसे में इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

क्या है निमोनिया और कैसे करता है असर? 

निमोनिया एक रेस्पिरेटरीइंफेक्शन है जिसमें फेफड़ों में सूजन या संक्रमण हो जाता है. शुरुआती लक्षण सामान्य सर्दी-जुखाम जैसे होते हैं जैसे बुखार, खांसी, थकान और सांस लेने में परेशानी. कई बार लोग इसे फ्लू समझकर इलाज में देरी कर देते हैं, जो बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. छोटे बच्चों में यह संक्रमण तेजी से फैलता है और कई मामलों में जानलेवा भी हो सकता है.

एक्सपर्ट की राय

एक्सपर्ट बताते हैं कि निमोनिया से ठीक होने के बाद बच्चों को पौष्टिक और संतुलित भोजन देना बेहद जरूरी है. इससे शरीर में एनर्जी वापस आती है, लंग्स मजबूत होते हैं और इम्यूनसिस्टम बेहतर बनता है. बच्चों को एक बार में ज्यादा खाना देने की बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बार-बार भोजन देना चाहिए.

डाइट में क्या शामिल करें? 

सुबह का नाश्ता

गुनगुना दूध (हल्दी या शहद के साथ, अगर बच्चा एक साल से बड़ा है). इसके साथ सूजी या ओट्स का दलिया, मूंग दाल का सूप या साबुत अनाज की खिचड़ी दें.

दोपहर का खाना

हल्का और बैलेंस्ड भोजन जैसे दाल-चावल, हरी सब्जियों वाली खिचड़ी, पालक या लौकी की सब्जी. जरूरत हो तो थोड़ा घी मिलाएं जिससे एनर्जी बनी रहे.

शाम का स्नैक

फलों में सेब, पपीता, संतरा या केला दें. इनमें मौजूद विटामिनC इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है.

रात का भोजन

हल्का सूप या दलिया दें. सूप में अदरक, लहसुन और हल्दी डालने से संक्रमण दोबारा होने की संभावना कम होती है. सोने से पहले गुनगुना पानी देना भी लाभदायक होता है.

किन चीजों से करें परहेज

रिकवरी के दौरान बच्चों को ठंडी चीजें, जंकफूड, कोल्डड्रिंक, चिप्स और बिस्किट जैसी प्रोसेस्ड चीजों से दूर रखें. ये न केवल इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं बल्कि रिकवरी प्रक्रिया को भी धीमा कर देते हैं.

सही नींद और साफ-सफाई का महत्व

बच्चे के कमरे को साफ रखें और हवा का उचित वेंटिलेशन बनाए रखें. धूल और धुएं से बचाव करें। पर्याप्त नींद और आराम भी तेजी से रिकवरी में मदद करता है.

डॉ. का कहना है कि “बैलेंसडाइट, भरपूरआरामऔरस्वच्छताकाध्यानरखनेसेबच्चेनिमोनियासेजल्दीउबरसकतेहैं. अगरकमजोरीज्यादामहसूसहोयालक्षणदोबारादिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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