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Women Heart Attack
WomenHeartAttack: जैसा हम टीवी या विज्ञापनों में देखते हैं कि महिलाओं में हार्टअटैक हमेशा नहीं होता. असल में महिलाओं में हार्टअटैक के लक्षण बहुत हल्के और धीरे-धीरे आने वाले होते हैं जैसे बहुत ज्यादा थकान, पेट में उलझन, सांस लेने में परेशानी या बेचैनी. यही वजह है कि इन्हें अक्सर मामूली समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है और इलाज में देर हो जाती है. इन छिपे हुए संकेतों को पहचानना और समय रहते डॉक्टर को दिखाना जान बचाने के लिए बहुत जरूरी है. ऐसे में चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बतातेहैं.
महिलाओं में हार्टअटैक के संकेत
जब भी सीने में दर्द होता है तो दिमाग में सबसे पहले हार्टअटैक की तस्वीर आती है. लेकिन कई महिलाओं में लक्षण ऐसे नहीं होते. उनके शरीर में दिल से जुड़ी परेशानी के संकेत बहुत हल्के तरीके से दिखाई देते हैं. माहिलाओं में हार्टअटैक कई बार वैसे नहीं दिखता जैसा लोग सोचते हैं. कई बार मरीज के जबड़े, पीठ या कंधे में दर्द होता है या सिर्फ थकान और सांस की दिक्कत होती है लेकिन वे इसे दिल की बीमारी से नहीं जोड़ते. अक्सर महिलाएं इसे तनाव समझकर इग्नोर कर देती हैं जबकि यही दिल के खतरे की शुरुआती निशानी होती है.
इन लक्षणों को न करें इग्नोर
इसके कुछ शुरुआती लक्षण दिखते हैं जिनमें से हम बहुतों को इग्नोर कर देते हैं जबकि हमें ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए. अगर इन लक्षणों की बात करें तो इनमें -
थकान या कमजोरी
अगर बिना कोई भारी काम किए ही आप बहुत थक जाती हैं या आराम करने के बाद भी कमजोरी महसूस होती है तो यह दिल से जुड़ा संकेत हो सकता है.
सांस फूलना या चक्कर आना
अगर बिना किए भी आपकी सांस फूलती है या अचानक चक्कर आते हैं, तो इसे सिर्फ कमजोरी या तनाव मत समझिए. ये दिल में ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है.
जबड़े, गर्दन, पीठ, कंधे या हाथ में दर्द
अगर इन जगहों पर दर्द या भारीपन है लेकिन वजह समझ नहीं आ रही, तो यह भी दिल की परेशानी का संकेत हो सकता है.
पेट में भारीपन या जलन
अगर आपके पेट में जलन, उलझन, उल्टी या अपच जैसा लगता है तो इसे सिर्फ गैस या एसिडिटी न मानें. ऐसे लक्षण कई बार हार्टअटैक के दौरान भी दिखाई देते हैं.
पसीना आना या बेचैनी
अगर आपके अचानक ठंसा पसीना आना, चिपचिपी त्वचा या बिना वजह घबराहट हो तो ये भी हार्टअटैक के शुरुआती संकेत हैं.
नींद में दिक्कत
अगर आप बार-बार रात में जागते हैं या पूरी नींद के बाद भी थकान रहती है तो यह भी शरीर का संकेत हो सकता है कि कुछ गड़बड़ है.
क्यों अलग होते हैं लक्षण?
महिलाओं के शरीर और हार्मोन में बदलाव की वजह से उनके लक्षण अलग दिखाई देते हैं. कई बार ब्लॉकेज न होते हुए भी दिल की छोटी नसें प्रभावित होती हैं जिससे दर्द या भारीपन महसूस होता है. कुछ मामलों में स्पॉन्टेनियसकोरोनरीआर्टरीडिसेक्शन नाम की स्थिति भी कारण बनती है खासकर लड़कियों या प्रसव के बाद की महिलाओं में. कई बार डॉक्टर भी महिलाओं के लक्षणों को तनाव या गैस समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. इसे "Yentl Syndrome" कहा जाता है.
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