कभी शादी करना हर लड़की का सपना होता है, लेकिन आज की आत्मनिर्भर और जागरूक महिलाएं शादी करने से कतराती है. उनके लिए जब शादी के रिश्ते आते हैं तो वह उन्हें ठुकरा देती है. वहीं जब तक उन पर पारिवारिक दबाव बढ़ नहीं जाता है. वहीं अब लड़कियों के मुंह से सुनने को मिलता है कि मुझे शादी नहीं करनी है मैं शादी क्यों करूं. हालांकि ऐसा क्यों होता है. आइए आपको बताते है.
आत्मनिर्भरता
इन दिनों लड़कियां आर्थिक रूप से खुद पर निर्भर रहती हैं. वह अच्छी कंपनी में नौकरी करती हैं या फिर बिजनेस करती हैं. वहीं आय के मामले में वह किसी से कम नहीं. इनके साथ ही महिलाओं में भी स्वतंत्रता की चाह बढ़ रही है. आत्मनिर्भर महिलाओं को लगता है कि शादी से बाद उनकी आजादी का हनन होगा. इस कारण वह विवाह से हिचकिचाती हैं.
करियर
महिलाएं पहले से कहीं अधिक शिक्षित हो रही हैं, ऐसे में वह करियर में भी सफलता चाहती हैं. कई लड़कियां पहले अपने करियर को संवारना चाहती हैं. वह शादी को ब्रेक या जिम्मेदारी के तौर पर देखती हैं.
टॉक्सिक रिश्ते
इस सदी में शादियां टूटने और तलाक के आंकड़े बढ़ने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जब लड़कियां देखती हैं कि उनके आसपास कई शादियां टिक नहीं रहीं तो वह शादी और टाॅक्सिक रिश्तों से डर जाती हैं.
घर की जिम्मेदारी
शादी के बाद महिलाओं की जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है. वह नौकरी पेशा हों या गृहणी हो, घर के सारे काम, परिवार के सभी सदस्यों की पसंद नापसंद का ध्यान रखना एक बहू का ही कर्तव्य माना जाता है. इस परंपरा पर लड़कियां खुलकर सवाल करती हैं. वह घरेलू जिम्मेदारियों के एकतरफा दबाव से बचना चाहती हैं.
समाज की दखलअंदाजी
शादी के बाद , ये क्या पहना है?, कब बच्चे होंगे? जैसी बातें अक्सर महिलाओं की आजादी में खलल डालती हैं. शादी के बाद लड़की के जीवन में समाज की दखलअंदाजी बढ़ जाती है. लड़कियों को महसूस होता है कि शादी करने से उनके व्यक्तिगत स्पेस में कमी आ सकती है.
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