Dhanteras 2025: आखिर क्यों मनाया जाता है धनतेरस और क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा? जानिए

Dhanteras 2025: धनतेरस के दिन लोग सोना-चांदी और बहुत सी चीजों की खरीदारी करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस क्यों मनाया जाता है चलिए हम आपको इसके पीछे की कहानी बताते हैं.

Dhanteras 2025: धनतेरस के दिन लोग सोना-चांदी और बहुत सी चीजों की खरीदारी करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस क्यों मनाया जाता है चलिए हम आपको इसके पीछे की कहानी बताते हैं.

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Uma Sharma
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Dhanteras 2025

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Dhanteras 2025: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया  जाता है. इस साल धनतेरस का शुभ पर्व 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाने की परंपरा है.

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यह दिन दिवाली की शुरुआत मानी जाती है और भगवान धनवंतरि की पूजा का विशेष महत्व रखता है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस क्यों मनाया जाता है चलिए हम आपको बताते हैं इसके पीछे का कारण. 

समुद्र मंथन से जुड़ी है धनतेरस की कहानी (Dhanteras 2025)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक समय ऐसा आया जब ऋषि दुर्वासा के श्राप से इंद्र सहित सभी देवताओं की शक्ति क्षीण हो गई थी. इस कमजोरी का फायदा उठाकर राक्षसों ने देवताओं पर विजय प्राप्त कर ली. परिणामस्वरूप पूरे ब्रह्मांड में अंधकार छा गया.

श्रीविष्णु की सलाह पर शुरू हुआ समुद्र मंथन

देवताओं ने संकट से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु से सहायता मांगी. तब श्रीविष्णु ने उन्हें अमृत प्राप्त करने के लिए क्षीर सागर (ब्रह्मांडीय समुद्र) का मंथन करने की सलाह दी. इस मंथन के लिए मंदराचल पर्वत को मथनी और वासुकी नाग को रस्सी बनाया गया. देवता और दैत्य दोनों पक्षों ने मिलकर मंथन प्रारंभ किया. 

हलाहल विष से बचाई शिव ने सृष्टि

समुद्र मंथन से सबसे पहले घातक विष हलाहल निकला. इस विष की तीव्रता इतनी थी कि पूरी सृष्टि नष्ट हो सकती थी. तब भगवान शिव ने इस विष को ग्रहण कर लिया, जिससे उनका गला नीला हो गया और वे ‘नीलकंठ’ कहलाए. 

मंथन के दौरान अनेक दिव्य रत्न और धन-संपदाएं निकलीं. अंत में भगवान धनवंतरि समुद्र से प्रकट हुए, जिनके हाथों में अमृत का कलश और आयुर्वेद का ग्रंथ था. वे स्वास्थ्य और अमरत्व के देवता माने जाते हैं. इसी कारण इस दिन को धन्वंतरि त्रयोदशी या धनतेरस के रूप में मनाया जाता है. 

धनतेरस का वास्तविक अर्थ

धनतेरस का संबंध केवल सोना-चांदी या वस्तुओं की खरीदारी से नहीं है. यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि सच्चा धन स्वास्थ्य और जीवन की शांति है. भगवान धनवंतरि की पूजा से रोगों से मुक्ति और लंबी आयु की प्राप्ति होती है.

क्या खरीदना है शुभ?

इस बार धनतेरस शनिवार के दिन पड़ रही है. इस दिन खरीदारी करते समय ग्रहों और वार के अनुसार कुछ वस्तुओं को खरीदना शुभ और कुछ को अशुभ माना गया है.

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