आखिर केले के पत्तों पर ही क्यों खाना खाते है साउथ के लोग, जानें इसके पीछे की वजह

भारत में अलग अलग राज्यों में अलग अलग परंपराएं है. जैसे किसी राज्य में कुछ खाते है. तो किसी राज्य में अलग डिश खाते है. इन पत्तों को पवित्र और शुद्ध माना जाता है और इसी  वजह से ज्यादातर देवताओं को केले के पत्तों में ही परोसा जाता है.

भारत में अलग अलग राज्यों में अलग अलग परंपराएं है. जैसे किसी राज्य में कुछ खाते है. तो किसी राज्य में अलग डिश खाते है. इन पत्तों को पवित्र और शुद्ध माना जाता है और इसी  वजह से ज्यादातर देवताओं को केले के पत्तों में ही परोसा जाता है.

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Nidhi Sharma
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साउथ इंड‍िया में या नॉर्थ इंड‍िया में भी पूजा में केले के पत्‍तों पर खाते हुए देखा होगा. इसके पीछे का क्‍या कारण है. भारत में लोग केले के पत्‍तों पर क्‍यों खाते हैं. वहीं क्या आप जानते है कि यह हमारी सेहत की लिए कितना फायदेमंद है. वहीं केले के पत्तों का काफी साल से इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं साउथ में ज्यादातर घरों में इन पत्तों पर ही खाना परोसा जाता है. इन पत्तों को पवित्र और शुद्ध माना जाता है और इसी  वजह से ज्यादातर देवताओं को केले के पत्तों में ही परोसा जाता है. आइये क्या है इसके पीछे की वजह बताते है. 

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मंडप के लिए किया जाता है इस्तेमाल 

केले के पत्ते का इस्तेमाल मंडप बनाने में किया जाता है. साथ ही इसका इस्तेमाल भगवान सत्यानारायण की कथा में भी इस्तेमाल किया जाता है. वहीं केले का पेड़ घर में लगाने से इससे काफी दोष दूर होते है. 

क्या है फायदे 

केले के पत्तों पर गर्म खाना दिया जाता है. जिससे पत्तों में मौजूद पौषक तत्व खाने में आ जाते हैं. केले में मौजूद तत्व हेल्थ के लिए काफी लाभदायक होते है. रोजाना केले के पत्ते पर खाना खाने से फोड़े- फुंसियों की बीमारी से बचाव होता है. साथ ही इससे पेट से जुड़ी बीमारियां जैसे कब्ज, अपच, गैस की समस्याएं दूर होती है. 

केले के पत्तों में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कि पत्तेदार सब्जियों में पाए जाते हैं. केले के पत्ते पर खाना खाने से ये एंटीऑक्सीडेंट सीधे हमारे शरीर में जाते हैं. इनकी वजह से स्किन को लाभ मिलता है. 

जो लाभ केले खाने से मिलते हैं, वही केले के पत्तों पर खाना खाने से भी मिलते हैं.

प्लास्टिक से बने बर्तनों में रखा खाना हमारी हेल्थ के लिए ठीक नहीं रहता है. वहीं वैसे बर्तनों में खाना खाने के बाद सफाई के लिए साबून-सर्फ जैसे केमिकल का उपयोग किया जाता है. जो कि हमारी बॉडी के लिए हानिकार होता है. 

इसके साथ ही इसकी जो प्राइस है वो बाकि सर्विंग प्लेट से कम है. वहीं अलग अलग जगह पर इसका प्राइस कम होता है. 

साथ ही ये पत्ते वाटर प्रूफ होते है. जिस वजह से इसमें सब्जी फैलती नहीं है. 

साथ ही इसमें ना तो धूल चिपकती है. वहीं इन्हें धोने के बाद खाना परोसा जाता है. 

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