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Insulin Resistance
InsulinResistance: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान और अनहेल्दीलाइफस्टाइल के चलते लोगों को स्वास्थय संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं जिसमें पाचन और गट हेल्थ सबसे आम है. पाचन तंत्र अच्छा बना रहे इसके लिए आंतों का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है. लेकिन इंसुलिन शरीर का एक जरूरी हार्मोन है जो ब्लड शुगरलेवल को कंट्रोल करता है. लेकिन जब शरीर के सेल्स इंसुलिन पर सही तरह से प्रतिक्रिया नहीं देते तो ग्लूकोज खून में जमा होने लगते हैं. इसे इंसुलिनरेजिस्टेंस कहा जाता है. यह स्थिति धीरे-धीरे बढ़ती है और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा देती है. चलिएआपकोबतातेहैं इसके शुरुआती संकेत.
क्या है इंसुलिनरेजिस्टेंस?
इंसुलिन एक हार्मोन है जो हमारे खून में मौजूद शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है. जब शरीर की कोशिकाएं इस हार्मोन की प्रतिक्रिया देना बंद कर देती है तो उसे इंसुलिनरेजिस्टेंस कहा जाता है. इसका मतलब ये हुआ कि ग्लूकोज कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता और खून में जमा होता रहता है जिससे ब्लड शुगर बढ़ने लगता है.
इंसुलिनरेजिस्टेंस के शुरुआती लक्षण
पेट के आसपास फैट का बढ़ना
पेट के आसपास फैट का बढ़ना इंसुलिनरेजिस्टेंस का एक आम संकेत है.यह सिर्फ वजन बढ़ने की बात नहीं है बल्कि मेटाबॉलिक गड़बड़ी का नतीजा भी हो सकता है. इसके साथ ही बार-बार मीठा या कार्बोहाइड्रेट खाने की इच्छा होना भी शरीर की ओर से एक चेतावनी है कि ब्लड शुगरलेवल गड़बड़ रहा है.
ज्यादा प्यास लगना
ज्यादा प्यास लगना और बार-बार पेशाब आना भी इस स्थिति का संकेत हैं. जब ब्लड शुगर बढ़ता है तो शरीर अतिरिक्त ग्लूकोज को पेशाब के जरिए बाहर निकालने की कोशिश करता है. इसी वजह से पानी की कमी महसूस होती है.
थकान या सुस्ती आना
कई लोगों को दिनभर थकान या सुस्ती महसूस होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ग्लूकोज शरीर के सेल्स तक नहीं पहुंच पाता और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती. साथ ही गर्दन या बगल की त्वचा का काला होना, जिसे एकैंथोसिसनाइग्रिकन्स कहा जाता है भी इंसुलिनरेजिस्टेंस का संकेत है.
बचने के तरीके
नियमित व्यायाम करें
अगर इस स्थिति को शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए, तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है. संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और वजन नियंत्रण से इंसुलिनसेंसिटिविटी को बेहतर किया जा सकता है.
लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं
थोड़े-से बदलाव आपकी लाइफस्टाइल में बड़ा फर्क ला सकते हैं. इन शुरुआती संकेतों को पहचानना और समय पर कदम उठाना डायबिटीज और दिल की बीमारियों से बचाव का सबसे आसान तरीका है.
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