Diwali Care Tips: दिवाली के बाद आखिर क्यों सांस लेना हो जाता है मुश्किल, जानिए किन-किन खतरनाक बीमारियों का होता है खतरा?

Diwali Care Tips: दिवाली के बाद हवा में धूल, धुआं और जहरीले केमिकल की मात्रा इतनी ज्यादा हो जाती है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इस समय सबसे ज्यादा परेशान होते हैं.

Diwali Care Tips: दिवाली के बाद हवा में धूल, धुआं और जहरीले केमिकल की मात्रा इतनी ज्यादा हो जाती है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इस समय सबसे ज्यादा परेशान होते हैं.

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Akansha Thakur
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Diwali Care Tips: दिवाली भारत का ही नहीं बल्कि हिंदू धर्म का भी सबसे बड़ा और खुशियों से भरा त्योहार है. इस दिन घरों में  दीये जलाए जाते हैं,  मिठाइयां बांटी जाती हैं और लोग अपने घर परिवार के साथ इस त्योहार को धूम-धाम से मनाते हैं. हालांकि हर साल दीवाली के बाद एक परेशानी जो लगातार बढ़ जाती है वो वायु प्रदूषण है. पटाखों से निकले वाला धुआं और जहरीले केमिकल त्योहार के बाद वाली सुबह को डरावनी बना देते हैं. हवा में धुआं और जहरीले केमिकल की मात्रा इतनी ज्यादा हो जाती  है कि सांस लेने भी मुश्किल होती है . बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इस समय सबसे ज्यादा परेशान होते हैं. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि दिवाली के  बाद सांस लेना मुश्किल क्यों हो जाता है और किन-किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. 

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क्यों सांस लेना हो जाता है मुश्किल? 

दिवाली के बाद सांस लेना इसलिए मुश्किल हो जाता है क्योंकि इसका सबसे बड़ा कारण पटाखे हैं. ये कण हमारी सांस के साथ फेफड़ों में चले जाते हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है. इसके  अलावा दिवाली पर बाजारों में भारी भीड़ होती हैं. गाड़ियों से निकलने वाला धुआं भी वायु को और  प्रदूषित करता है. वहीं इस समय लोग घरों की सफाई  के बाद कचरा जलाते हैं जिससे और ज्यादा प्रदूषण होता  है.  इस सभी के चलते दिवाली के बाद वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है.  

किन-किन बीमारियों का होता है खतरा? 

अस्थमा का खतरा 

दिवाली के बाद हवा  में मौजूद जहरीले कण फेफड़ों तक पहुंचते हैं जिससे अस्थमा के मरीजों को दौरे पड़ सकते हैं. कई बार यह इतना गंभीर हो सकता है कि अस्पताल तक जाना पड़े. 

नाक और गला 

इसके अलावा  प्रदूषित हवा नाक और गले को सबसे पहले प्रभावित करती हैं.   लगातार  खांसी, जलन और गले में खराश की समस्या आम हो जाती है. प्रदूषण की वजह से आपकी सेहत पर काफी असर पड़ सकता है. 

कोविड-19 से ठीक हुए मरीज 

जिन लोगों को कोविड-19 के दौरान नुकसान  हुआ है उनके लिए दिवाली का प्रदूषण किसी खतरे से कम नहीं है. फेफड़ों में पहले से मौजूद फाइब्रोसिस और खराबी बढ़ जाती है.

दिल से जुड़ी समस्या 

दिवाली के बाद हवा का खराब क्वालिटी से सांस की बीमारियां, फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं और दिल  से जुड़ी दिक्कतें दोगुनी   हो सकती हैं. अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए तो ये छोटी-छोटी दिक्कतें बड़ी बीमारी का रूप ले सकती हैं.  

बीमारियों से बचने का आसान तरीका 

  • अगर आप दिवाली   पर किसी काम से घर से निकलते हैं तो मास्क जरूर पहनें क्योंकि अच्छे क्वालिटी  वाले मास्क जहरीले कणों को रोक पाते हैं और कपड़े के मास्क से बचें.
  • पटाखों के समय जब AQI बहुत ज्यादा खराब हो तो घर के अंदर ही रहें.  
  • इसके अलावा  आप अपनी डाइट में विटामिन सी, हल्दी, आंवला,  टमाटर और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें ये फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं.   

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