ठंड में क्यों बढ़ जाते हैं निमोनिया के मामले, जानें कैसे रखें अपना खास ख्याल

सर्दी में शरीर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, जिससे वायरस और बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं. हमारी नाक और गले की नमी सूखने लगती है, जिससे संक्रमण आसानी से फेफड़ों तक पहुंच सकता है.

सर्दी में शरीर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, जिससे वायरस और बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं. हमारी नाक और गले की नमी सूखने लगती है, जिससे संक्रमण आसानी से फेफड़ों तक पहुंच सकता है.

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Akansha Thakur
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Pneumonia Cases

Pneumonia Cases

Pneumonia Cases: सर्दियों का मौसम आते ही बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है. खांसी, जुकाम, बुखार जैसी समस्याएं लगभग हर घर में देखने को मिलती हैं. तापमान में गिरावट और इम्यून सिस्टम के कमजोर पड़ने पर शरीर वायरस और बैक्टीरिया के हमलों का आसान शिकार बन जाता है. अक्सर साधारण सर्दी-जुकाम से शुरू होने वाली परेशानी धीरे-धीरे बढ़कर निमोनिया तक पहुंच जाती है, जो फेफड़ों का एक गंभीर संक्रमण है. यह खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार लोगों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है.

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सर्द मौसम में शरीर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है. ठंडी और सूखी हवा नाक और गले की नमी को खत्म कर देती है, जिससे इन्फेक्शन के कण आसानी से फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं. वहीं ठंड के कारण बंद कमरों में रहने से वेंटिलेशन कम हो जाता है और वायरस तेजी से फैलते हैं. ऐसे में निमोनिया के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि सर्दियों में निमोनिया ज्यादा क्यों फैलता है और खुद को सुरक्षित रखने के लिए क्या सावधानियां जरूरी हैं.

सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है निमोनिया? 

1. ठंडी हवा फेफड़ों को कमजोर करती है

ठंडी हवा फेफड़ों के ऊतकों को प्रभावित करती है, जिससे उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

2. कम वेंटिलेशन वाले कमरे

दरवाजे और खिड़कियां बंद रहने से ताजी हवा नहीं आ पाती, वायरस तेजी से फैलते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

3. इम्यूनिटी का कमजोर होना

ठंड में शरीर का तापमान गिरने से इम्यून सिस्टम धीमा हो जाता है, जिससे शरीर बैक्टीरिया और वायरस से लड़ नहीं पाता.

4. सूखी हवा का प्रभाव

नाक और गले की नमी कम होने पर बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं.

5. पुरानी बीमारियों का बढ़ना

अस्थमा, सीओपीडी, दिल की बीमारी और डायबिटीज वाले लोगों में निमोनिया का खतरा अधिक होता है.

निमोनिया से बचाव कैसे करें?

•    गर्म कपड़े पहनें और मास्क या मफलर से नाक ढकें
•    हाथों की सफाई का ध्यान रखें, नियमित हाथ धोएं या सैनिटाइजर का उपयोग करें
•    घर में वेंटिलेशन रखें, रोज कुछ देर खिड़कियां खोलें
•    पानी और गर्म तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं
•    इम्यूनिटी बढ़ाने वाला भोजन लें जैसे सिट्रस फल, हरी सब्जियां, दालें और सूखे मेवे
•    धूम्रपान से दूर रहें, क्योंकि यह फेफड़ों को कमजोर करता है
•    फ्लू और निमोनिया का टीकाकरण करवाएं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए
•    बीमार व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें ताकि संक्रमण न फैले

सर्दियों में थोड़ी सी सावधानी अपनाकर निमोनिया जैसे गंभीर संक्रमण से बचाव किया जा सकता है. यदि खांसी, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ या सीने में दर्द महसूस हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. समय पर उपचार जीवन रक्षक साबित हो सकता है.

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