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BRA
ब्रा सिर्फ एक इनरवियर नहीं बल्कि महिलाओं के लिए सपोर्ट और कॉन्फिडेंस का अहम हिस्सा है. वहीं 99 प्रतिशत लड़कियां नहीं जानती हैं कि ब्रा की फुलफ्रॉम क्या है. सालों-साल इसे नहीं पहनना चाहिए क्यों ब्रेस्ट में आने वाले पसीने के कारण इसके कपड़े में परमानेंट जर्म्स हो सकते हैं और इसका शेप भी बार-बार धुलने के कारण खराब हो जाता है. इससे आपको ब्रेस्ट सपोर्ट कम मिलता है. यही कारण है कि महिलाओं को कुछ महीनों में ही ब्रा को बदल लेने की सलाह दी जाती है. आइए आपको इसके नाम के बारे में बताते हैं.
ब्रा की क्या है फुलफॉर्म
ब्रा एक फ्रेंच शब्द Brassiere से बना है. इस शब्द का पहली बार इस्तेमाल 1893 में New York Evening Herald ने किया था. 1907 में इसे Vogue Magazine में प्रिंट किया गया और धीरे-धीरे यह शब्द आम हो गया. बाद में ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी ने भी Brassiere को शामिल कर लिया. समय के साथ इसे छोटा करके BRA कहा जाने लगा, जिसका फुल फॉर्म है- Breast Resting Area (ब्रेस्ट रेस्टिंग एरिया).
कप साइज के बारे में
शुरुआती दौर में ब्रा एक ही साइज में बनाई जाती थी, लेकिन 1930 के दशक में एस एच कैंप कंपनी ने A से D लेटर तक कप साइज लॉन्च किए. इसके बाद महिलाओं को अपने ब्रेस्ट शेप और कम्फर्ट के अनुसार सही फिटिंग चुनने का विकल्प मिला.
गलत साइज
रिपोर्ट के मुताबिक करीब 80% महिलाएं गलत साइज की ब्रा पहनती हैं. गलत ब्रा साइज न केवल लुक और फिटिंग खराब करता है बल्कि ब्रेस्ट हेल्थ पर भी असर डालता है. सही साइज और फिटिंग की ब्रा पहनने से बॉडी को सपोर्ट और ब्रेस्ट को लिफ्ट मिलता है.
ब्रा को धोने का सही तरीका
कई महिलाएं डर की वजह से ब्रा को बार-बार नहीं धोतीं, जिससे उसका शेप बिगड़ सकता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि हफ्ते में कम से कम एक-दो बार ब्रा धोना जरूरी है. इसे हमेशा लाइट हैंड वॉश करें ताकि फैब्रिक और शेप लंबे समय तक बना रहे.
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