Fake Wedding Party: जब भी घर में शादी का माहौल होता है तो हर किसी में एक अलग ही उत्साह होता है. शादी के काम और जिम्मेदारियों के बीच लोग काफी ज्यादा बीजी होते है. लेकिन इन दिनों लोग शादी की जिम्मेदारी और काम से बचना चाहते हैं. जिसकी पहल दिल्ली में हो चुकी है. असली शादी तो हर किसी ने देखी होगी लेकिन अगर हम आपसे कहेंगे कि अब शादी होगी लेकिन दूल्हा -दुल्हन नहीं होंगे, मस्ती -मजाक होगा साज-सजावट होगी मेहंदी होगी लेकिन बस दूल्हा-दुल्हन नहीं होंगे. तो आपके दिमाग में आएगा कि यह कैसे हो सकता है कोई एक फेक शादी के लिए इतना खर्चा कैसे करेगा. सोशल मीडिया पर फेक वेडिंग पार्टी काफी ट्रेंड में चल रहा है.
क्या है फेक वेडिंग पार्टी
इन पार्टियों में कोई असली दूल्हा-दुल्हन नहीं होता है लेकिन बाकी सबकुछ असली शादी की तरह होती है. मेहंदी से लेकर संगीत, हल्दी, मस्ती-मजाक, साज-सजावट सब एकदम असली होता है. इस वेडिंग का उद्देश्य सिर्फ एंटरटेनमेंट और सोशल मीडिया के लिए कंटेंट क्रिएट करना होता है.
सोशल मीडिया प्रोफेशनल ने बताया
दरअसल, सोशल मीडिया प्रोफेशनल ने बताया कि उन्होंने और लगभग 100 युवाओं ने कुतुब मीनार के सामने एक प्रीमियम रेस्तरां और क्लब में इस पार्टी को जमकर एंजॉय किया. ड्रेस कोड देसी था और सभी ने पारंपरिक पोशाकें जैसे लहंगे और कुर्ते पहने हुए थे. रेस्तरां को पीले और गुलाबी रंग की डेकोरेशन, गेंदे के फूलों और झूमरों से सजाया गया था. वहां फोटो बूथ्स, लाइव ढोल, पंजाबी और बॉलीवुड गानों की प्लेलिस्ट, और मेहंदी आर्टिस्ट भी मौजूद थे. सबकुछ इतना रियल था कि पहली नज़र में किसी को भी यह असली शादी का फंक्शन लग सकता था.
शादी के लिए रजिस्ट्रेशन फीस
इन पार्टियों में ना केवल जेन-जी बल्कि 40 साल से ऊपर के लोग भी शामिल हो रहे हैं. वे अपने दोस्तों के साथ मिलकर नकली शादी में असली जैसा मजा ले रहे हैं. अगर आप भी इस तरह की किसी पार्टी में शामिल होने और एंजॉय करने का सोच रहे हैं तो बता दें, इसके लिए आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है. रजिस्ट्रेशन करने के लिए लगभग 550 रुपये की एंट्री फीस देनी होती है.
फेक वेडिंग का ट्रेंड
फेक वेडिंग्स के इस ट्रेंड को देखते हुए अब "फेक हल्दी", "फेक रिसेप्शन" और "फेक बैचलर पार्टीज़" भी शुरू हो रही हैं. कुछ इवेंट कंपनियां तो पूरे नकली शादी पैकेज भी ऑफर कर रही हैं – जिसमें बारात, वरमाला और विदाई तक शामिल होती है सिर्फ फन के लिए. दिल्ली में शुरू हुआ यह नया ट्रेंड यह दिखाता है कि आज की युवा पीढ़ी न केवल पारंपरिक आयोजनों का आनंद लेना चाहती है, बल्कि उन्हें अपने तरीके से, मस्ती और क्रिएटिविटी के साथ दोबारा परिभाषित भी कर रही है.
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