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Pregnancy Tips in Pollution
Pregnancy Tips in Pollution: ठंड की शुरुआत होते ही दिल्ली-NCR में प्रदूषण की लहर दिखने लगती है. हर तरफ प्रदूषण का कहर दिखाई देने लगता है. बीते दिन यानी सोमवार को कई जगह एक्यूआई लेवल 400 के पार दर्ज किया गया है जो गंभीर स्तर माना जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे प्रदूषित इलाकों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं में प्री-टर्म डिलीवरी यानी कम वजन वाले बच्चे, स्टिलबर्थ और गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है. आइए जानते हैं कि प्रदूषण प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे को कैसे प्रभावित करता है और इससे बचाव के तरीके क्या हैं.
प्रग्नेंट महिला और भ्रूण पर प्रदूषण के खतरे
सर्दियों में हर साल अस्पताल खांसी, सर्दी, दमा और सांस की दिक्कत वाले मरीजों से भर जाते हैं. लेकिन असल नुकसान उस बच्चे को भी होता है जो अभी मां के गर्भ में है. आमतौर में नॉर्मल गर्भावस्था में 38 से 40 हफ्तों के बीच 6 से 9 पाउंड वजन वाला बच्चा जन्म लेता है. पांच पाउंड आठ औंस से कम वजन वाले बच्चे को लो बर्थ वेट माना जाता है. इसके कई कारण हो सकते हैं. लेकिन माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान एयर पॉल्यूशन के संपर्क में आना भी इस समस्या का एक बड़ा कारण बन सकता है. हवा में मौजूद जहरीले कण प्लेसेंटा तक पहुंचकर मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
प्रेग्नेंसी में प्रदूषण से बचने के तरीके
अगर आपको अपने बच्चे की सेहत का ख्याल रखना है तो आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा जैसे-
घर में रहे
अगर बाहर प्रदूषण है तो गर्भवती महिलाएं घर में रहे. क्योंकि गर्भवती महिलाओं पर प्रदूषण का असर ज्यादा तेज पड़ता है. इसलिए खासकर पीक पॉल्यूशन टाइम में बाहर जाने से बचें.
भरपूर पानी पीएं
शरीर को हाइड्रेट रखने से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और खांसी जैसी दिक्कतें भी कम होती हैं. पानी अंगों को स्वस्थ रखता है.
बाहर जाएं तो मास्क पहनें
अगर आप बाहर किसी काम से जाती है तो एक अच्छी मेडिकल या N 95 मास्क हवा में मौजूद हानिकारक कणों को काफी हद तक फिल्टर कर देता है.
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