Unique island: 364 सालों से हर 6 महीने में ये आईलैंड बदलता अपनी राष्ट्रीयता

Pheasant Island: आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में एक ऐसा द्वीप भी है जो शांति का अनोखा उदाहरण पेश करता है. सबसे रोचक बात ये है कि 364 सालों से हर 6 महीने में ये आईलैंड अपनी राष्ट्रीयता बदलता है.

Pheasant Island: आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में एक ऐसा द्वीप भी है जो शांति का अनोखा उदाहरण पेश करता है. सबसे रोचक बात ये है कि 364 सालों से हर 6 महीने में ये आईलैंड अपनी राष्ट्रीयता बदलता है.

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Neha Singh
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Pheasant Island

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Pheasant Island: एक तरफ दुनिया भर में अपनी-अपनी सीमाओं को लेकर अक्सर विवादों की खबरें सामने आती  रहती हैं. कहीं लकीरें खींची जा रही हैं तो कहीं युद्ध तक के हालात पैदा हो जाते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में एक ऐसा द्वीप भी है जो शांति का अनोखा उदाहरण पेश करता है. सबसे रोचक बात ये है कि 364 सालों से हर 6 महीने में ये आईलैंड अपनी राष्ट्रीयता बदलता है. जी हां, आपने सही पढ़ा. फ्रांस और स्पेन के बीच स्थित फीजेंट द्वीप (Pheasant Island) पर दोनों देश बारी-बारी से शासन करते हैं. सन् 1659 से ये अनोखी परंपरा चली आ रही है. दोनों ही देश बिना किसी विवाद के शांतिपूर्ण तरीके से शासन की जिम्मेदारी एक-दूसरे को सौंपते हैं. आइए जानें इससे जुड़ी रोचक बातें.

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जानिए समझौते की पीछे का कारण 

यह द्वीप काफी छोटा है और एक नदी के बीचों-बीच स्थित है. सदियों से इस द्वीप पर किस देश का शासन होगा, इसको लेकर दोनों देशों के बीच विवाद चलता रहा. आखिरकार, दोनों देशों ने आपसी सहमति से यह फैसला लिया कि इस द्वीप पर दोनों देश बारी-बारी से शासन करेंगे.

दुनिया को देता अनोखी मिसाल

यह दुनिया की एक अनोखी मिसाल है जहां दो देशों के बीच इतने लंबे समय से एक ऐसा समझौता चल रहा है. इस समझौते की सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों देशों के बीच इस द्वीप को लेकर कभी कोई युद्ध नहीं हुआ.

यहां जानिए फीजेंट द्वीप से जुड़े रोचक तथ्य

हर साल 8 फरवरी को फ्रांस इस द्वीप पर अपना शासन शुरू करता है और 8 अगस्त को स्पेन इसे संभाल लेता है.
यह द्वीप काफी छोटा है और इसमें रहने के लिए कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है.
फीजेंट द्वीप फ्रांस और स्पेन की सीमा पर स्थित बिदासो नदी के बीच में स्थित है.
इस द्वीप पर कोई स्थायी निवासी नहीं रहता है और यहां आने-जाने के लिए विशेष अनुमति की जरूरत होती है.
इस द्वीप का इतिहास काफी समृद्ध है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों का प्रतीक भी है.

फीजेंट द्वीप क्यों है इतना खास?

  1. यह द्वीप दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंधों का प्रतीक है.
  2. दोनों देशों के बीच सहयोग और समझौते का एक बेहतरीन उदाहरण है.
  3. फीजेंट द्वीप हमें सिखाता है कि सीमाएं हमेशा विवाद का कारण नहीं होतीं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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