World Sparrow Day 2025: हर साल की तरह इस साल भी विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च 2025 को मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य गौरैया और अन्य सामान्य पक्षी आबादी के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और उनके संरक्षण के लिए प्रयास करना है. वर्तमान समय में शहरों में गौरैया की संख्या में कमी का कारण उनकी प्रजनन क्षमता में कमी नहीं है, बल्कि उन्हें रहने के लिए जगह न मिलना है. शहरों में घरों के बनावट बदल दिए गए हैं. जिसकी वजह से उन्हें घोंसला बनाने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है. विश्व गौरैया दिवस के खास मौके पर हम जानेंगे इसके इतिहास और महत्व के बारे में...
विश्व गौरैया दिवस का इतिहास
विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत 2010 में नेचर फॉरएवर सोसायटी ऑफ इंडिया और फ्रांस की इको-सिस एक्शन फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से हुई थी. नेचर फॉरएवर सोसायटी के संस्थापक मोहम्मद दिलावर ने गौरैया संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया, इसलिए इस विश्व गौरैया दिवस की स्थापना हुई. इस लिए हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है.
विश्व गौरैया दिवस का महत्व
शहरों में घरों के बनावट में बदलाव, प्रदूषण, आवास की कमी, कीट नाशकों का ज्यादा उपयोग और भोजन की कमी के कारण गौरैया की संख्या में तेजी से गिरावट देखने को मिली है. गौरैया सार्वभौमिक प्रणाली में कीट नियंत्रण, परागण और बीज फैलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसलिए, उनके संरक्षण से जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है.
विश्व गौरैया दिवस 2025 थीम
वर्ष 2025 में विश्व गौरैया दिवस का थीम "प्रकृति के नन्हे दूतों को सम्मान" (A tribute To Nature's Tiny Messengers) है. यह थीम सार्वभौमिक संतुलन बनाए रखने में गौरैया की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है. विश्व गौरैया दिवस हर साल हमें नन्हे पक्षियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करता है, जो हमारे पर्यावरण और जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
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