मणिपुर में कोरोना के 14 नए मामले, कुल मामले बढ़कर 20 हुए
ग्लोबल टेनिस क्रिकेट लीग : पहली अंतरराष्ट्रीय टेनिस बॉल लीग शारजाह में होगी आयोजित
राजा रघुवंशी हत्याकांड : शिलांग पुलिस ने सोनम के व्यवहार की जुटाई जानकारी
बांग्लादेश : राजनीतिक दलों ने सुधारों पर 'राष्ट्रीय सहमति आयोग' के साथ चर्चा की
उत्तराखंड को डिजिटल राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
अमेरिकी लक्ष्यों को पूरा करने पर केंद्रित है डोनाल्ड ट्रंप का ध्यान : जेडी वेंस
ईरान-इजराइल संघर्ष से बिहार की राजनीति तक न्यूज नेशन लेकर आया 10 बड़े अपडेट्स
राजस्थान के भरतपुर जिले में वज्रपात से दो लोगों की मौत
IND vs ENG: इस खिलाड़ी को इंग्लैंड में करना होगा कमाल, फ्लॉप होते ही टीम इंडिया से पत्ता कटना तय

बुजुर्गों को सम्मान देना ऐसे सिखाएं बच्चों को 

बुजुर्गों में डिप्रेशन, अकेलापन फील करने की समस्या बढ़ रही है. घर में दादा-दादी अक्सर पोते-पोतियों की इग्नोरेंस झेलते हैं. वहीं, मोहल्ले और पास-पड़ोस के बुजुर्गों को तो बच्चे बिल्कुल ही बोझ समझने लगे हैं.

बुजुर्गों में डिप्रेशन, अकेलापन फील करने की समस्या बढ़ रही है. घर में दादा-दादी अक्सर पोते-पोतियों की इग्नोरेंस झेलते हैं. वहीं, मोहल्ले और पास-पड़ोस के बुजुर्गों को तो बच्चे बिल्कुल ही बोझ समझने लगे हैं.

author-image
Apoorv Srivastava
एडिट
New Update
pic ututyiyuiy

elders( Photo Credit : social media)

आजकल बुजुर्गों पर ध्यान नहीं देना, पोते-पोतियों द्वारा उन्हें ओल्ड एज होम में छोड़ देना जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. खासतौर से छोटे बच्चे ये जानते ही नहीं कि बड़े-बुजुर्ग हमारे परिवार और समाज का कितना अहम अंग हैं. इसी कारण बुजुर्गों में डिप्रेशन, अकेलापन फील करने की समस्या बढ़ रही है. घर में दादा-दादी अक्सर पोते-पोतियों की इग्नोरेंस झेलते हैं. वहीं, मोहल्ले और पास-पड़ोस के बुजुर्गों को तो बच्चे बिल्कुल ही बोझ समझने लगे हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि समाज में बुजुर्गों को सही स्थान मिले. खासतौर से भारत जैसे देश में जहां माता-पिता को भगवान की तरह पूजा जाता है और बुजुर्गों का आदर करना यहां की सनातन शिक्षाओं में शामिल रहा है, वहां बुजुर्गों की बेअदबी बहुत चिंता का विषय है. ऐसे में परिवार में कुछ चीजों का ध्यान रखकर हम बच्चों के सिखा सकते हैं कि बुजुर्गों को सम्मान कैसे दें. 

Advertisment

इसे भी पढ़ेंः बासी हो गई रोटी तो फेंके नहीं, बना लें उसका टेस्टी हलवा

1. बच्चों के सामने बुजुर्गों के पैर छुएं, नमस्ते करें और रोज उनकी परेशानियां पूछें. इससे बच्चें भी यह चीजें सीखेंगे. आमतौर पर माता-पिता बच्चों से कह तो देते हैं बुजुर्ग लोगों को नमस्ते करने के लिए लेकिन जब माता-पिता खुद घर के या आसपड़ोस के बुजुर्ग लोगों पर ध्यान देंगे और केयर करेंगे तो बच्चों पर डीप इफेक्ट पड़ेगा. बच्चों की दिनचर्या में खुद ब खुद यह चीज शामिल हो जाएगी. 

2. खाने की टेबल पर साथ बैठाएं और घर के बुजुर्गों की पसंद को प्राथमिकता दें. अक्सर घरों में बच्चों की जिद तो पूरी हो जाती है लेकिन बुजुर्ग लोग क्या चाहते हैं, इस पर परिवार ध्यान नहीं देता. हफ्ते में कम से कम एक-दो दिन ऐसे भी रखें जब खाना बुजुर्गों के हिसाब से खाना बनाएं. इससे बच्चों पर साइकोलॉजिकल इफेक्ट पड़ेगा और उन्हें लगेगा कि घर में दादा-दादी का भी महत्व है. अगर मोहल्ले में भी कोई बुजुर्ग दंपति अकेली रहती हो तो हफ्ते में उन्हें एक दिन खाने पर बुलाएं. ध्यान रखें घर के बच्चे और बुजुर्ग एक साथ ही खाना खाएं. 

3. बुजुर्गों ने जो काम किए, उसका महत्व, त्याग और योगदान बच्चों से शेयर करें. खासतौर से दादा-दादी ने किन मुश्किल परिस्थितियों को झेला वह बच्चों से शेयर करें. अगर मोहल्ले में भी कोई बुजुर्ग हों तो उनकी जिंदगी के बारे में पता कर बच्चों के बताएं. इससे बच्चों के मन में बुजुर्गों के प्रति सम्मान बढ़ेगा. 

4. घूमने जाते वक्त बुजुर्गों को भी लेकर जाएं. अक्सर परिवार में घूमने का कार्यक्रम बनता है तो बुजुर्गों को घर पर छोड़ दिया जाता है. ये बहुत जरूरी है कि कभी-कभी घर के बुजुर्ग भी साथ चलें. अगर सिंगल फैमिली में रहते हैं तो आसपड़ोस के बुजुर्ग लोगों संग किसी शाम पार्क में टहलने जाएं और साथ में बच्चों को भी रखें. घर में बुजुर्ग के साथ यदि स्वास्थ्य समस्या है तो कम से कम बच्चों के सामने उनसे चलने के लिए पूछें बेशक वह मना कर दें. 

Source : News Nation Bureau

बच्चे और बुजुर्ग children respect elders बुजुर्गों का सम्मान Teach children elders in socity care of elders elders in society elders news बुजुर्गों का ध्यान respect to elders children and elders elders
      
Advertisment