क्या आपका बच्चा भी है बहुत ज्यादा ज़िद्दी, तो ये खबर आपके लिए पढ़ना है जरूरी

दिन भर काम करने के बाद पेरेंट्स बच्चों की बात समझने की जगह उन्हें मोबाइल या किसी खिलोने में बिजी रखते हैं. आज कल के पेरेंट्स अपने बच्चों की दिक्कतें सुनने की बजाए उन्हें कभी कभी डांत भी देते हैं.

दिन भर काम करने के बाद पेरेंट्स बच्चों की बात समझने की जगह उन्हें मोबाइल या किसी खिलोने में बिजी रखते हैं. आज कल के पेरेंट्स अपने बच्चों की दिक्कतें सुनने की बजाए उन्हें कभी कभी डांत भी देते हैं.

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Nandini Shukla
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बच्चा भी है बहुत ज्यादा ज़िद्दी( Photo Credit : newyorkhealthmagazine)

आज कल की बिजी लाइफस्टाइल के चलते असर युवाओं पर ही नहीं बल्कि मां बाप और बच्चों पर भी पड़ रहा है. दिन भर काम करने के बाद पेरेंट्स बच्चों की बात समझने की जगह उन्हें मोबाइल या किसी खिलोने में बिजी रखते हैं. आज कल के पेरेंट्स अपने  बच्चों की दिक्कतें सुनने की बजाए उन्हें कभी कभी डांत भी देते हैं. जिसकी वजह से बचे चिड़चिड़े और जिद्दी हो जाते हैं. आज कल बच्चों का ज़िद्दी होना एक आम बात है. लेकिन क्या कभी अपने सोचा है कि इसके पीछे आपकी भी कोई कमी हो सकती है. बच्चों और पेरेंट्स के बीच कुछ बातें ऐसी होती हैं जो आप अपनी बिजी जिंदगी के चलते नहीं समझा पाते. तो चलिए आज बताते हैं कि अगर आप बिजी और वर्किंग पेरेंट्स हैं तो आपको कैसे अपने बच्चों को ट्रीट करना चाहिए. 

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सही का भेद बताएं

कई बार होता है ये है कि पैरेंट्स बच्चे को गलती पर डांटते हैं , लेकिन इसके बाद भी आपका बच्चा वही गलती कर बैठता है. हमेशा बच्चे को उसकी गलती पर डांटे कि बजाए उससे प्यार से समझाएं. अपने ज़माने और आज के जमाने के बीच का भेद बताएं. बच्चों के सतह कदम मिला कर चलें. कई बार पेरेंट्स बच्चों की गलती पर उन्हें दांत देते हैं जो की सही है. क्योंकि बच्चों को धुप और छाव दोनों की ज़रुरत होती है लेकिन बच्चों को हमेशा न डांटे. उनके साथ बैठकर उन्हें समझने की कोशिश करें. 

बच्चों की भी सुनें

अगर बच्चा कुछ कह रहा है तो उस बात को पहली बार में ही खारिज करने की बजाय बच्चे के सामने ऑप्शंस रखें. इससे बच्चे की बात भी रह जाएगी और आप उसके सामने अपना विकल्प भी रख पाएंगे. इससे बच्चे के पास भी एक काम को करने के लिए मल्टीपल ऑप्शन्स रहेंग, साथ ही बच्चा आपको अपना दोस्त भी समझे ऐसे रिश्ते भी बनाएं. 

हेल्दी माहौल 

बच्चों पर बात-बात पर गुस्सा ना करें. किसी भी बात पर उन्हें समझने और समझाने से हेल्दी रिलेशन बना रहता है. अपने बच्चों को बोलने का मौका दें. अपनी बात रखने का मौका दें. मां बाप के रिश्ते के बाद कोशश करें कि आप अपने बच्चों के साथ दोस्ती का भी रिश्ता बनाएं. 

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Source : News Nation Bureau

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