जिस तरह से GenZ के बीच रिलेशनशिप चल रहे हैं. उसी तरह इन रिलेशनशिप के रोज नए-नए कोड सामने आ रहे हैं. अब युवाओं के बीच प्यार दर्शाने का तरीका भी काफी बदल गया है. युवाओं के लिए नए रिलेशनशिप और नए कोड सामने आ रहे हैं. जो कि मॉर्डन डेटिंग कल्चर का एक हिस्सा है. आइए आपको बताते हैं कि डेटिंग कल्चर में नए-नए कोड के बारे में.
पॉकेटिंग (Pocketing)
इस रिलेशनशिप में कमिटमेंट नहीं होता है. इसे कपल्स दुनिया से छुपाकर रखते हैं. ना तो ऐसे रिलेशन को अपने परिवार में बताया जाता है, और ना ही सोशल मीडिया पर दर्शाया जाता है. इसी के कारण इसे पॉकेटिंग नाम दिया गया है.
सिचुएशनशिप (Situationship)
सिचुएशनशिप में लोग एक-दूसरे को पसंद तो करते हैं, लेकिन आपस में कमिटेड नहीं होते हैं. इस तरह के रिलेशनशिप में दो लोग डेटिंग कर रहे होते हैं, लेकिन उनका रिश्ता किसी भी लेबल में फिट नहीं होता.
फ्लीटिंग (Fleeting)
लोग रिश्ते को लेकर इतने सीरियस नहीं होते हैं. बहुत से लोग टाइम पास के लिए ही एक दूसरे के साथ होते हैं. फ्लीटिंग इसी तरह का रिलेशनशिप है, जहां दो लोग कमिटेड ना होकर एक दूसरे के साथ सिर्फ टाइम पास के लिए साथ होते हैं.
बेंचिंग (Benching)
इस तरह के रिलेशन में आप कमिटेड भी नहीं है, लेकिन आपको आपका साथी जाने भी नहीं देता. ऐसा इसलिए क्योंकि आप उसके लिए भविष्य में एक ऑप्शन हो सकते हैं. इस तरह का रिलेशनशिप बेंचिंग कहा जाता है.
घोस्टिंग (Ghosting)
इस तरह के रिलेशनशिप में आपका साथी आपके साथ धीरे धीरे दूरी बनाना शुरू कर देता है. पहले बातचीत करना और फिर धीरे धीरे उसे कम कर देना घोस्टिंग रिलेशनशिप में आता है. इस तरह के रिलेशनशिप में आपका पार्टनर एक दिन आपको छोड़ देता है.
ज़ॉम्बिइंग (Zombieing)
इस तरह के रिलेशनशिप में आपका पार्टनर काफी समय बाद आपके टच में आता है. इस तरह के रिलेशनशिप को जॉम्बिइंग कहते हैं.
ब्रेडक्रंबिंग (Breadcrumbing)
इस रिलेशनशिप में लोग कमिटिड नहीं होते हैं, बल्कि कम बातें करके एक दूसरे के साथ रिश्ते में बंधे रहते हैं. इसीलिए इसे ब्रेडक्रंबिंग कहते हैं.
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