चॉकलेट सबको अपना दीवाना बना लेती है. चॉकलेट खाने के लिए बचपन में हर किसी को अपने मां-बाप से डांट तो जरूर पड़ी ही होगी. वहीं अब चॉकलेट में कई तरह के अलग-अलग फ्लेवर्स मौजूद है. जिसमें नट्स, बिस्किट और भी कई तरह के फ्लेवर्स आपको मिल जाते हैं. चॉकलेट को आप कहीं भी खा सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं जिस चॉकलेट को आप बड़े ही छाव से खाते हैं, वो एक टाइम पर कड़वी और तीखी हुआ करती थी. आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि चॉकलेट कैसे तीखी हुआ करती थी और यह मीठी कैसे बनीं.
चॉकलेट का इतिहास
चॉकलेट के इतिहास की बात करें, तो इसका इतिहास काफी पुराना है. उस टाइम चॉकलेट खाने की नहीं बल्कि पीने की चीज हुआ करती थी और इसका टेस्ट ऐसा हुआ करता था कि आप इसे एक घूंट भी ना पी सकें. यह काफी कड़वी हुआ करती थी. कड़वी होने की वजह से अमेरिका के लोग इसे वेनिला, काली मिर्च और दूसरे मसालों के साथ मिलाकर पिया करते थे.
चॉकलेट को ऐसे बनाया मीठा
चॉकलेट को मीठा करने में यूरोप का हाथ है. उन्होंने इसमें से मिर्च हटाई और इसमें चीनी और दूध मिलाया. जिससे की यह मीठी हो गई. चॉकलेट बनाने के लिए सबसे पहले कैकाओ के छिलके से बीन्स को निकालकर फरमेंट किया जाता है. जिसके बाद उसे सुखाया जाता है. सुखाने के बाद उन्हें भूनकर तैयार किए जाते हैं. जिसके बाद इन बीन्स के अंदर से कोको निब्स को अलग किया जाता है और उसका लिक्विड तैयार किया जाता है. इस लिक्विड से कोको पाउडर और चॉकलेट बनता है.
इस वजह से पिघल जाती है चॉकलेट
वहीं आपने देखा होगा कि चॉकलेट ज्यादा देर हाथ में रखने से वो पिघल जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चॉकलेट का अपने एक मेल्टिंद पॉइंट होता है जो 86 डिग्री और 90 डिग्री के बीच होता है और ये म्पेरेचर ह्यूमन बॉडी टेम्परेचर से भी कम है. इसलिए चॉकलेट हाथ में लेने पर आसानी से पिघल जाती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)