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Swami Ramdev and Prasanna Sagarji Maharaj
भारत के योग गुरु स्वामी रामदेव और जैन संत आचार्य प्रसन्न सागरजी महाराज के नेतृत्व में आगामी 12 और 13 दिसम्बर को दिल्ली के भारत मंडपम में "अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन" आयोजित किया जाएगा. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य उपवास, योग, ध्यान और स्वदेशी चिंतन के माध्यम से जनमंगल की दिशा में कार्य करना है. इस कार्यक्रम में देशभर से विभिन्न वरिष्ठ नेता, मंत्री, सांसद और विद्वान हिस्सा लेंगे.
"हर मास - एक उपवास" महाभियान का शुभारंभ
इस सम्मेलन में "हर मास-एक उपवास" महाभियान का उद्घाटन भी किया जाएगा, जिसका लक्ष्य लोगों को मासिक उपवास के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ देना है. इस महाभियान से देश और विदेश के लाखों लोग जुड़ने जा रहे हैं. स्वामी रामदेव और आचार्य प्रसन्न सागरजी महाराज ने मिलकर इस अभियान की शुरुआत करने का निर्णय लिया है ताकि समस्त मानवता को उपवास के लाभों से अवगत कराया जा सके.
सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख व्यक्तित्व
सम्मेलन में भारत के लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी, श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, श्री भूपेन्द्र यादव, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, और कई अन्य केंद्रीय मंत्री, सांसद, और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा, भारत के प्रसिद्ध टीवी निर्माता और इंडिया टीवी के चेयरमैन श्री रजत शर्मा, जाने माने लीवर विशेषज्ञ डॉ. एस. के. सरीन, और पतंजलि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय भी इस कार्यक्रम में संबोधित करेंगे.
विशेष डिजिटल को होगा संबोधन
सम्मेलन के दौरान बागेश्वर सरकार धीरेन्द्र शास्त्री का डिजिटल संबोधन होगा. वहीं, पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज, गीता मनीषी महामंडलेश्वर ज्ञानानंद जी महाराज और महंत बालकनाथ योगी जी महाराज का पावन सानिध्य भी प्राप्त होगा.
स्वामी रामदेव और आचार्य प्रसन्न सागर जी की उपलब्धियां
स्वामी रामदेव जी ने पूरी दुनिया में योग का प्रचार-प्रसार किया है. उनका यह अभियान "हरिद्वार" तक पहुंच चुका है. वहीं, आचार्य प्रसन्न सागर जी ने 557 दिनों तक निरंतर उपवास करके "उपवास साधना शिरोमणी" का दर्जा प्राप्त किया है. अब दोनों महान संत जनमंगल के लिए "हर मास-एक उपवास" महाभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. इस सम्मेलन का उद्देश्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं बल्कि मानसिक शांति और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है.
नोट: इस आयोजन में उपवास के महत्व पर चर्चा की जाएगी और कैसे यह मानवता के कल्याण में सहायक हो सकता है, इस पर विचार विमर्श किया जाएगा.
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