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Indian Education Board
अलीगढ़: भारतीय शिक्षा बोर्ड की मंडलीय संगोष्ठी दिनांक 20 नवंबर 2025 को कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर, अलीगढ़ में आयोजित हुई. कार्यक्रम दोपहर 2 बजे विधिवत रूप से सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों द्वारा वेद मंत्रों के साथ दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इस संगोष्ठी में मंडल के विद्यालयों के प्रबंधक, प्राचार्य और प्रतिनिधि शामिल हुए.
छात्रों के नैतिक पतन पर चिंतन
मुख्य वक्ता डॉ. एन. पी. सिंह, पूर्व आईएएस और चेयरमैन, भारतीय शिक्षा बोर्ड ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को लेकर विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा में भारतीय संस्कृति, संस्कार और आध्यात्मिक मूल्यों की कमी होती जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा में भारतीय संस्कृति और संस्कारों का अभाव है हमारे भारत में लगातार छात्र छात्राओं का नैतिक पतन होता जा रहा है. शिक्षा में वेद, शास्त्र, उपनिषद और गीता का अध्ययन होना चाहिए. नवीन तकनीक और कंप्यूटर विज्ञान भी शिक्षा का हिस्सा होना चाहिए. बच्चों को प्रकृति, संस्कृति और चरित्र निर्माण से जोड़ना आवश्यक है. उन्होंने सभी विद्यालयों से भारतीय शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होने का आग्रह किया.
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मंडलायुक्त ने छात्रों से की अपील
मंडलायुक्त संगीता सिंह ने अपने संबोधन में कहा. बच्चों के संस्कार माता-पिता और शिक्षकों से मिलते हैं. शिक्षा में वातावरण का महत्वपूर्ण योगदान होता है. केवल आधुनिक सुविधाओं वाले स्कूलों की ओर आकर्षित होने के बजाय वैदिक शिक्षा की ओर वापस लौटना होगा. उन्होंने विद्यालयों से भारतीय शिक्षा बोर्ड से जुड़ने की अपील की.
300 से अधिक विद्यालयों की सहभागिता
कार्यक्रम में मनोज गिरि, संयुक्त निदेशक तथा राकेश कुमार, बेसिक शिक्षा विभाग अधिकारी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. संगोष्ठी का सफल संचालन सुनील शास्त्री, राज्य प्रभारी भारत स्वाभिमान ने किया. कार्यक्रम में पतंजलि परिवार के अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे. मंडल के लगभग 300 से अधिक विद्यालयों ने इस संगोष्ठी में भाग लिया और इसे सफल बनाया.
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