Chhath Puja 2025: अगर छठ पूजा के दौरान पीरियड्स आ जाए तो क्या कर सकते हैं व्रत? जानिए पूजा के खास नियम

Chhath Puja 2025: छठ पूजा को हिंदू धर्म में कठिन व्रत में से एक माना जाता है. ये चार दिन तक चलता है जिसमें शुद्धता का खास ख्याल रखा जाता है. ऐसे में कई महिलाओं को कंफ्यूजन रहती हैं कि पीरियड्स के दौरान पूजा करना चाहिए या नहीं.

Chhath Puja 2025: छठ पूजा को हिंदू धर्म में कठिन व्रत में से एक माना जाता है. ये चार दिन तक चलता है जिसमें शुद्धता का खास ख्याल रखा जाता है. ऐसे में कई महिलाओं को कंफ्यूजन रहती हैं कि पीरियड्स के दौरान पूजा करना चाहिए या नहीं.

author-image
Akansha Thakur
New Update
Chhath Puja 2025

Chhath Puja 2025

Chhath Puja 2025: छठ पूजा हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जो मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी माई की उपासना के लिए मनाया जाता है. चार दिन तक चलने वाले इस व्रत में स्वच्छता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है. लेकिन कई महिलाओं को यह सवाल होता है कि मासिक धर्म के दौरान इस व्रत को रखा जा सकता है या नहीं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, मासिक धर्म में भी छठ का व्रत रखा जा सकता है, लेकिन इसके कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है.

Advertisment

पीरियड्स में छठ का व्रत

अगर व्रत के दौरान मासिक धर्म शुरू हो जाए, तो महिला व्रत रख सकती हैं, लेकिन पूजा सामग्री, अर्ध्य और प्रसाद को सीधे स्पर्श नहीं करना चाहिए. छठ व्रत पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आया है, इसलिए इसे बीच में तोड़ा नहीं जा सकता. नियमों का पालन करके महिला व्रत को जारी रख सकती है और श्रद्धा के साथ अपनी प्रार्थना पूरी कर सकती है.

मासिक धर्म में पूजा का तरीका

मासिक धर्म में महिला सीधे पूजा में शामिल नहीं हो सकती, लेकिन वह किसी अन्य महिला के माध्यम से सूर्य को अर्ध्य अर्पित करवा सकती है. यह महिला व्रत के नियमों और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखे. महिलाएं घर पर ही प्रार्थना कर सकती हैं और हाथ जोड़कर सूर्य देव से अपनी मनोकामना मांग सकती हैं.

प्रसाद और पूजा सामग्री से दूरी

पीरियड्स वाली महिलाओं को जहां पूजा का प्रसाद तैयार हो रहा हो, वहां नहीं जाना चाहिए. इसे अपवित्र समझा जाता है. इसके अलावा, पूजा से जुड़ी किसी वस्तु या अर्ध्य को भी सीधे हाथ नहीं लगाना चाहिए. हालांकि, बिना अन्न और जल ग्रहण किए इसे अपनी जगह पर रख सकती हैं.

नियमों का पालन जरूरी

पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है. व्रत के दौरान केवल नियमों का पालन करना जरूरी है. सही तरीके से नियमों का पालन करके महिलाएं इस पवित्र व्रत का लाभ और छठी मैया का आशीर्वाद पा सकती हैं.

इस प्रकार, मासिक धर्म में भी छठ का व्रत और पूजा पूरी श्रद्धा के साथ निभाई जा सकती है, बशर्ते कि स्वच्छता और परंपरागत नियमों का ध्यान रखा जाए. यह व्रत न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है बल्कि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य और अनुशासन के प्रति सजग रहने की शिक्षा भी देता है.

यह भी पढ़ें: Baba Ramdev Tips: बालों के झड़ने से हैं परेशान, तो अपनाए बाबा रामदेव के बताए गए ये आसान नेचुरल उपाय

periods me puja kaise kare Chhath fast during period chhath puja in periods chhath puja samagiri Chhath Puja Rules Chhath Puja 2025 Significance Chhath Puja 2025 date Chhath Puja 2025
Advertisment