Acharya Balkrishna Tips: इस तरह करते हैं दही का सेवन, तो आचार्य बालकृष्ण के बताए इन उपायों को रखें याद, कभी नहीं होगी दिक्कत

Acharya Balkrishna Tips: ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में आचार्य बालकृष्ण के बताए गए इन उपायों से जानते हैं दही किस तरह से खाना चाहिए और कब नहीं खाना चाहिए.

Acharya Balkrishna Tips: ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में आचार्य बालकृष्ण के बताए गए इन उपायों से जानते हैं दही किस तरह से खाना चाहिए और कब नहीं खाना चाहिए.

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Akansha Thakur
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Acharya Balkrishna Tips

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Acharya Balkrishna Tips: आज के दौर में लोग दही खाना बेहद पसंद करते हैं. कुछ लोगों को रायता के साथ पसंद हैं तो कुछ लोग को सादा. दही हम सब के जीवन का हिस्सा है. पूरे भारत में दही को कई तरह से खाया जाता है. दही आसानी से पचने वाला आहार माना जाता है जो कई तरह से फायदेमंद होता है. लेकिन इसे खाने से पहले इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है क्योंकि दही कब खाना चाहिए और किस तरह से खाना चाहिए इसके बारे में सबको जानकारी रखना बेहद जरूरी है. ऐसे में चलिए आचार्य बालकृष्ण के बताए गए इन उपायों से जानते हैं दही किस तरह से खाना चाहिए और कब नहीं खाना चाहिए. 

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किस तरह से खाना चाहिए दही? 

आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, दही में कुछ न कुछ जरूर मिलाकर खाना चाहिए जैसे गुड़, शक्कर या फिर नमक के साथ मिलाकर खाना चाहिए. कभी-कभी मन हो तो रायता बनाकर भी खा सकते हैं लेकिन इसका ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए. दही में आप गुड़ का पाउडर भी मिला सकते हैं. अगर इससे ज्यादा फायदा चाहते हैं तो दही में आवंला चूर्ण मिला दें. आयुर्वेद में कहा गया है कि दही में कुछ न कुछ मिलाकर लेना चाहिए. अगर पेट से संबंधित परेशानी है तो थोड़ा जीरा को भून लें और इसका पाउडर मिलाकर खाएं. इस तरह आप अजवायन भी मिलाकर खा सकते हैं. 

कब नहीं खाना चाहिए दही?

आचार्य बालकृष्ण के बताए गए उपाय के मुताबिक, दही को रात में नहीं खाना चाहिए. आयुर्वेद में इसका निषेध है. वहीं दही को कभी भी गर्म करके नहीं खाना चाहिए.  दही को धूप  में गर्म भी नहीं करना चाहिए. आप कहेंगे कि दही को कढ़ी में मिलाकर खाया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है कढ़ी में छाछ या मट्ठा मिलाया जाता है. जब आप दही को मथ देंगे तो यह मट्ठा हो जाता है. 

इन स्थितियों में न करें दही का सेवन 

दही  दुर्लभ कॉम्बिनेशन है क्योंकि जो पित्तकारक होता है वह कफ को ठीक करता है लेकिन दही पित्तकारक होते हुए भी कफ को ठीक नहीं कर पाता है, इसलिए दही को सर्दी-जुखाम में न खाएं. इसके अलावा ग्रीष्म, वसंत और शरद ऋतु में दही का सेवन थोड़ा सा करें. यानी इन मौसम में आप दही का सेवन ज्यादा न करें. बहुत ज्यादा गर्मी में भी दही को नहीं खाना चाहिए. आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि यह कफ बढ़ाता है.   

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