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Migraine Risk In Winter
Migraine Risk In Winter: आज के दौर में लोग हर छोटी-छोटी बात पर तनाव लेने लगते हैं. फिर चाहे वो ऑफिस के काम को लेकर हो या फिर किसी और काम को लेकर हो. तनाव लेने की वजह से माइग्रेन की समस्या आम हो गई है जिसमें सिर के एक हिस्से में तेज दर्द महसूस होता है. इसके साथ ही रोशनी से परेशानी, चक्कर या आवाजों से सेंसिटिविटी जैसी परेशानियां भी दिख सकती हैं. सर्दियां शुरू होते ही माइग्रेन के मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है. यह असर सिर्फ माइग्रेन के मरीजों पर नहीं होता बल्कि जिन लोगों को माइग्रेन नहीं है वे भी ठंड से सिरदर्द, भारीपन और ब्लड-फ्लो में हल्का बदलाव महसूस कर सकते हैं. मौसम बदलते ही माइग्रेन की समस्या बढ़ जाती है जिससे सावधानी और जानकारी दोनों जरूरी हो जाती हैं.
एक्सपर्ट से जानें माइग्रेन का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
एक्सपर्ट के मुताबिक, सर्दियों में तापमान कम होने से शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं जिससे ब्रेन तक ब्लड-फ्लो में हल्का बदलाव आता है. यह बदलाव माइग्रेन ट्रिगर कर सकता है. मौसम का अचानक बदलना, ठंडी हवा लगना या संक्रमण जैसी सामान्य सर्दियां भी सिरदर्द बढ़ा सकती हैं. इसके अलावा सर्दियां में धूप कम मिलने से सेरोटोनिन का स्तर गिर जाता है जो मूड और ब्रेन एक्टिविटी को संतुलिक रखता है. यह हॉर्मोनल बदलाव भी माइग्रेन अटैक की संभावना बढ़ाता है. हीटर चलामने से कमरे की हवा में सूखापन बढ़ जाता है जिससे डिहाइड्रेशन होता है और माइग्रेन तेज महसूस होता है.
क्या हैं इससे बचने का तरीका?
अगर आप सर्दियों में माइग्रेन दर्द की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो ठंडी हवा से सिर और कान को ढकें. धूप में 15 से 20 मिनट जरूर बैठें. पर्याप्त पानी पिएं और शरीर को डिहाइड्रेट न होने दें. बहुत ठंडे कमरे, हीटर या तापमान में उतारचढ़ाव से बचें. नियमित नींद और दिनचार्य बनाए रखें. साथ ही स्ट्रेस कम करने के लिए मेडिटेशन या हल्की एक्सरसाइज जरूर करें. साथ ही माइग्रेन ट्रिगर करने वाली चाजें जैसे कैफीन और फास्ट फूड का सेवन करने से बचें.
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