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Water In Eyes
Watery Eyes In Morning: अक्सर लोगों के आंखों से पानी आना कई वजहों से हो सकता है. अगर सुबह उठते ही आपकी आंखें ज्यादा नम या पानी से भरी लगती हैं तो यह एपिफोरा नाम की स्थिति भी हो सकती है. एपिफोरा का मतलब है आंखों से अत्यधिक पानी बहाना या तो आंखें जरूरत से ज्यादा आंसू बना रही होती हैं या फिर आंसू निकलने वाला सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा होता. चलिए आपको बताते हैं कि सुबह आंखों में पानी क्यों आता है?
सुबह आंखों से पानी क्यों आता है?
एक्सपर्ट के अनुसार, कई बार सुबह-सुबह आंखों से पानी आने के पीछे ये सामान्य कारण होते हैं. अचानक रोशनी बदलने से आंखें आंसू बनाने लगती हैं. ठंडी हवा, तेज रोशनी, धुआं, केमिकल्स या मच्छर भगाने वाली स्प्रे जैसी चीजें भी आंखों को चुभन देकर पानी ला सकती हैं. कई लोगों को एलर्जिक राइनाइटिस होता है जिसमें छींक आना, आंखों से पानी बहना. ये सब बेडरूम में मौजूद धूल, पालतू जानवरों की डैंडर या ठंडी हवा से ट्रिगर हो सकता है.
आंख की बीमारी किस बात का देती है संकेत?
सूखी आंखें
सुबह उठकर अगर आपकी आंखें भी अजीब लगती है. आंखों के ऊपर एक टीयर फिल्म होती है जिसमें तीन लेयर होती हैं म्यूकस, पानी और तेल की परत. ड्राई आई में पानी वाली परत कम बनती है या तेल वाली परत कमजोर होने से आंसू जल्दी सूख जाते हैं. जब आंख सूखती है तो शरीर तुरंत ज्यादा पानी वाली परत बनाने लगता है. लेकिन अगर तेल की परत कमजोर है तो ये नए आंसू आंख पर टिक नहीं पाते और बाहर बह जाते हैं. इसलिए आंख अंदर से सूखी रहती है लेकिन बाहर पानी आता है.
कॉर्नियल इरोजन
कभी हल्की चोट जैसे नाखून या कागज के किनारे से कॉर्निया पर लग जाती है. शुरू में ठीक लगती है लेकिन ऊपर की परत ठीक से चिपकती नहीं. सुबह आंख खोलते ही यह परत फिर छिल सकती है जिससे तेज पानी, चुभन रोशनी से परेशानी जैसे लक्षण आते हैं.
नींद में आंख पूरी तरह बंद न होना
कुछ लोगों की पलकें सोते समय पूरी तरह बंद नहीं होतीं, जिससे आंख का एक हिस्सा रातभर सूख जाता है. सुबह उठते ही शरीर सूखी आँख को बचाने के लिए अचानक आंसू बना देता है, जिससे आंख पानी-पानी लगती है.
सुबह आंखों में पानी आने पर क्या करें?
- सुबह कमरे में रोशनी धीरे-धीरे आने दें सीधे तेज लाइट न पड़े.
- पंखे या AC की सीधी हवा में न सोएं.
- कमरे में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर या पानी से भरा कटोरा रखें.
- एलर्जी हो तो साफ और धुले हुए बेडशीट का इस्तेमाल करें.
- रात में मच्छर स्प्रे या तेज केमिकल वाली चीजों का इस्तेमाल न करें.
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