आपके बच्चे को भी आता है ज्यादा पसीना? तो न करें इग्नोर, वरना हो सकता है बड़ी बीमारी का संकेत

क्या आपको पता है कि बड़े लोगों की तरह बच्चों को पसीना नहीं आता है. लेकिन अगर आपके बच्चे को ज्यादा पसीना आता है तो ये खतरे की निशानी हो सकती है. आइए जानते हैं इसका कारण.

क्या आपको पता है कि बड़े लोगों की तरह बच्चों को पसीना नहीं आता है. लेकिन अगर आपके बच्चे को ज्यादा पसीना आता है तो ये खतरे की निशानी हो सकती है. आइए जानते हैं इसका कारण.

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Akansha Thakur
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Sweating In Babies

Sweating In Babies

Sweating In Babies: कई बार माता-पिता यह देखकर परेशान हो जाते हैं कि उनके बच्चे को दूध पीते या सोते समय बार-बार पसीना क्यों आता है. आमतौर पर छोटे बच्चों को बड़े लोगों की तरह पसीना नहीं आता, लेकिन अगर आपके बच्चे को ज्यादा स्वेटिंग हो रही है, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है. आइए जानते हैं बच्चों में पसीना आने के कारण और इससे जुड़ी सावधानियां.

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बड़ों की तुलना में बच्चों को पसीना क्यों नहीं आता?

जब हम धूप में जाते हैं या शारीरिक मेहनत करते हैं, तो शरीर का तापमान बढ़ने पर पसीना आने लगता है. लेकिन छोटे बच्चों के मामले में ऐसा नहीं होता. इसका कारण यह है कि बच्चों के स्वेटग्लैंड्स (पसीना ग्रंथियां) पूरी तरह विकसित नहीं होतीं. यही वजह है कि उनकी बॉडीएडल्ट्स की तरह पसीना नहीं छोड़ती. उनकी त्वचा आमतौर पर ड्राई, फ्रेश और सॉफ्ट बनी रहती है.

कैसे काम करता है बच्चों का बॉडीमैकेनिज्म?

शिशुओं का शरीर बड़ों से अलग तरह से काम करता है. क्योंकि उनके स्वेटग्लैंड्स पूरी तरह विकसित नहीं होते, इसलिए वे पसीने की बजाय बॉडीपोजिशन बदलकर तापमान नियंत्रित करते हैं. यही कारण है कि जब बच्चों को गर्मी लगती है तो वे करवटें बदलते हैं या रोने लगते हैं. उनकी त्वचा पर हल्की लालिमा (रेडनेस) भी दिख सकती है, जो सामान्य है.

बार-बार पसीना आए तो क्या यह खतरे की निशानी है?

अगर आपका बच्चा दूध पीते समय या सोते वक्त अत्यधिक पसीना बहा रहा है, तो इसे हल्के में न लें. डॉक्टर्स के अनुसार यह किसी क्रोनिक बीमारी या हार्टप्रॉब्लम का संकेत हो सकता है. कुछ प्रमुख संभावित कारण इस प्रकार हैंहार्ट से जुड़ी समस्या (CongenitalHeartDisease)इसमें बच्चे को दूध पीने के दौरान सांस फूलने या थकावट महसूस हो सकती है.

इंफेक्शन या बुखार- संक्रमण के कारण शरीर का तापमान बढ़ने पर पसीना आ सकता है.

मेटाबॉलिक या एंडोक्राइनडिसऑर्डर- शरीर के हार्मोन्स में गड़बड़ी से तापमान नियंत्रण प्रभावित होता है.

हाइपरथायरॉइडिज्म (ExcessiveThyroidHormone)- थायरॉइडहार्मोन ज्यादा बनने से बच्चे के शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है, जिससे ज्यादा पसीना आता है.

सिस्टिकफाइब्रोसिस (CysticFibrosis)- यह एक रेस्पिरेटरीडिसऑर्डर है, जिसमें बच्चे के शरीर में सॉल्टसिक्रीशन का तरीका बदल जाता है. इसके कारण शरीर जरूरत से ज्यादा या अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है.

क्या करें जब बच्चे को ज्यादा पसीना आए?

  • बच्चे को हल्के और सूती कपड़े पहनाएं. 
  • अगर पसीने के साथ सांस फूलना, भूख न लगना या थकान दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
  • बच्चे के कमरे का तापमान हमेशा नॉर्मल और वेंटिलेटेड रखें.
  • बिना सलाह के किसी दवा या घरेलू उपाय का प्रयोग न करें.

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