मोटापा घटाए, दांत दर्द मिटाए और पीलिया भगाए सिर्फ ये एक फल
अनार तमाम बीमारियों में भी प्रयोग होता है. अनार को संस्कृत में दाड़ीम कहा जाता है. अनार एक बहुबीजीय फल है और इसका बीज भी खाने में उपयोग किया जाता है.
नई दिल्ली :
अनार एक ऐसा फल है, जिसका जूस ना केवल टेस्टी होता है बल्कि अनार तमाम बीमारियों में भी प्रयोग होता है. अनार को संस्कृत में दाड़ीम कहा जाता है. अनार एक बहुबीजीय फल है और इसका बीज भी खाने में उपयोग किया जाता है. आयुर्वेद एवं योग विशेषज्ञ निकेत सिंह बताते हैं कि आयुर्वेदिक के अनुसार अनार तीन प्रकार का होता है. एक मीठा, दूसरा खट्मीठा, तीसरा केवल खट्टा. मीठा अनार बुखार, दिल की बीमारियां, गले की प्रॉबल्मस, वीर्य वर्धक, मल रोधक होता है. यही नहीं मीठे अनार को खाने से बुद्धि और ताकत, दोनों ही बढ़ती है.
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वहीं, खट्टा अनार खाने से कफ की प्रॉब्लम खत्म होती है. अक्सर डॉक्टर किसी भी बीमारी के बाद व्यक्ति को अनार के रस पिलाने के लिए कहते हैं क्योंकि अनार में रक्त बनाने और रक्त में हिमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाने के लिए उपयोगी होता है. यही नहीं, अनार का कई बीमारियों में अलग-अलग तरह से उपयोग किया जाए तो यह दवा का काम करता है. इसका उपयोग निम्न तरीके से किया जा सकता है-
1. वजन कम करनाः निकेत सिंह ने बताया कि वजन कम करने के लिए अनार बहुत फायदेमंद होता है. अनार में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो चर्बी को कम करने में मदद करता है. कुछ शोध के अनुसार अनार की पत्तियां भी मोटापा कम करने में सहायता करती हैं.
2. बवासीरः अनार के वृक्ष की छाल के काढ़े में सोंठ का चूर्ण मिलाकर पिलाने से बवासीर से बहता हुआ खून बंद होता है.
3. एनीमिया और पीलियाः इन रोगों से ग्रस्त लोग 3-6 ग्राम अनार के पत्ते को छाया में सुखा लें. इस चूर्ण को सुबह गाय के दूध से बने छाछ के साथ पिएं. इसी तरह शाम को इसी छाछ के साथ पनीर का सेवन करें. इससे एनीमिया, और पीलिया रोग में फायदा होता है.
4. पेट में कीड़ेः अनार के पत्तों को छाया में सुखाकर महीन पीस लें. इसे छान लें. इसे 3-6 ग्राम की मात्रा में सुबह छाछ के साथ या ताजे पानी के साथ पिएं. इसके प्रयोग से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं.
5. स्त्री प्रदरः अनार की जड़ की छाल 50 ग्राम लेकर 1 किलो पानी में उबालना चाहिए. जब आधा पानी शेष रह जाए तब उसमें 3 ग्राम फिटकरी डालकर उस पानी की पिचकारी लेने से स्त्रियों के श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर, गर्भाशय के वर्ण इत्यादि रोगों में लाभ पहुंचता है.
6. दांत में दर्दः अनार की कलियों का चूरन बनाकर उससे मंजन करें. दांत के दर्द में आराम मिलेगा और मसूड़ों से खून आना भी बंद हो जाएगा.
कब न खाएं अनारः ये ध्यान रखें कि कब्ज, लो बीपी, रक्त दोष में, मधुमेह ( डायबिटीज), खांसी, निमोनिया, जुकाम में अनार नहीं खाना चाहिए.
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