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Dularchand Yadav Death (Wikipedia)
DularchandYadavDeath:मोकामा विधानसभा में जनसुराज प्रत्याशी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं जैसे कि मौत गोली लगने से नहीं हुई बल्कि उनके शरीर को किसी भारी चीज से दबा दिया गया था. आशंका जताई जा रही है कि इसके चलते उनके सीने और फेफडो़ं पर काफी दबाव पड़ा और उनका फेफड़ा फट गया. जिसके बाद हार्टफेलियर की वजह से उनकी मौत हो गई. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं किकब फेफड़ा फटता है और इस स्थिति से कैसे बच सकते हैं.
कब फटता है फेफड़ा?
फेफड़ा फटने की मेडिकल भाषा में इसे लंगरप्चर या प्नूमोथोरैक्स कहा जाता है. यह स्थिति तब होती है जब फेफड़े की दीवार या उसमें मौजूद एयरसैक फट जाते हैं जिससे हवा छाती की झिल्ली में भर जाती है. हवा का यह दबाव बढ़कर फेफड़े को सिकोड़ देता है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. अगर तुरंत इलाज न मिले तो यह जानलेवा साबित हो सकता है.
कितना खतरनाक है फेफड़ा फटना?
आसान भाषा में बताएं तो फेफड़ा फटना बहुत ज्यादा खराब होता है. आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं. कुछ मामलों में फेफड़े के फटने के तुरंत बाद ब्लड प्रेशर गिरता है, हार्ट रुक जाता है और मौत कुछ ही मिनटों में हो सकती है. अगर फेफड़ा थोड़ा सा फटा है और मरीज को समय पर इलाज मिल जाए तो जान बचाई जा सकती है. डॉक्टर आमतौर पर चेस्ट ट्यूब या सर्जरी के जरिए फेफड़े से हवा निकालते हैं और झिल्ली को ठीक करते हैं. लेकिन अगर दोनों फेफड़ों पर दबाव पड़ जाए तो हार्टफेलियर से मौत हो सकती है.
क्या है बचने का तरीका?
अगर फेफड़ा थोड़ा फटा है तो चिकित्सा सहायता से जीवन बचाया जा सकता है. डॉक्टर आमतौर पर दो उपाय करते हैं. पहला चेस्ट ट्यूब इस प्रक्रिया में डॉक्टर छाती के आसपास एक ट्यूब डालते हैं जिससे हवा बाहर निकल जाती है और फेफड़ा फिर से अपनी सामान्य स्थिति में आ जाता है. दूसरा कुछ मामलों में अगर फेफड़े की स्थिति अत्यधिक गंभीर हो तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है जिससे फेफड़े को ठीक किया जा सकता है.
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