बचपन में अक्सर हम लोगों के साथ ऐसा हुआ होगा कि गली-महोल्ले में जब भी सांप का शो दिखाने वाला आता था, तो कैसे सब बच्चे इकट्ठा हो जाते थे. बीन की मधुर धुन पर थिरकता सांप सबका ध्यान अपनी ओर खींच लेता था. जिसमें सबको डर तो लगता था इसी के साथ उन्हें मजा भी आता था. वहीं इसके बाद दिवंगत श्रीदेवी की फिल्म 'नगीना' आई. जिसमें अमरीश पुरी की बीन की मधुर धुन पर श्रीदेवी का नागिन रूप में थिरकना आज भी लोगों के जेहन में ताजा है. लेकिन मन में आज भी वहीं सवाल है कि क्या वाकई सपेरे की धुन में सांप नागिन डांस कर सकते हैं.
बीन की धुन पर कैसे नाचते हैं सांप?
सपेरे बीन को एक खास अंदाज में घुमाते हैं. ऐसे में, बीन पर लगे कांच के टुकड़े जब हिलते हैं तो एक चमक पैदा होती है. ये चमकती रोशनी सांप को आकर्षित करती है और साथ ही डराती भी है. सांप इस चमकीली रोशनी और बीन के हिलने से खतरा महसूस करते हैं और डर के मारे वे कुंडली मार लेते हैं और अपने शरीर को हिलाते हैं. यह सब देखकर लोगों को लगता है कि सांप बीन की धुन पर नाच रहा है, जबकि असल में वह डर के कारण अपनी रक्षा की मुद्रा में आकर सक्रिय हो जाते हैं.
नाग-नागिन के डांस का रहस्य
यही वजह है कि सांप का रिएक्शन बीन की धुन पर न होकर सपेरे की हरकतों पर होता है. बीन का हिलना और कांच का चमकना सांप को परेशान करता है. वे इस स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढते हैं और इसलिए अपने शरीर को हिलाते हैं. यह हिलना-डुलना बीन की धुन के साथ सिंक्रोनाइज्ड हो जाता है, जिससे ऐसा लगता है कि सांप नाच रहा है.
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