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Chhath 2025 Usha Arghya Wishes
Chhath 2025 Usha Arghya Wishes: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बड़े उल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि संयम, तप, श्रद्धा और परिवारिक एकता का भी संदेश देता है. चार दिवसीय इस पर्व की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और अष्टमी तिथि के दिन इसका समापन होता है. ऐसे में आज यानी 28 अक्टूबर 2025 को उषा उर्घ्य की शुरूआत हो चुकी है. आज हम आपके लिए कुछ संदेश लेकर आए जिसे आप अपने प्रियजनों को भेज सकते हैं.
छठ पूजा के लिए शुभकामनाएं और संदेश
केलवा के पात पर उगेलन सूरज मल के,
घरे घरे भइले सुरुज अस मोर बल के.
माई छठी के बरतिया से न थाकब हो माई,
घरे घरे भइले सुरुज अस मोर बल के.
अन्हरिया रात में दीप जले चारो ओर,
सूरज के उगते देखे लागल बा सबके जोड़ी थोर.
सुप में सजल मनोकामना, माथे पर चंदन के छाप,
छठी माई के परब से सजेले सबके आपन आप.
हे छठी मईया, सबका रखो ध्यान,
भर दो जीवन में खुशियां, नहीं हो गम का नाम.
छठ महापर्व की शुभकामनाएं.
सूरज की पूजा, जल की धार,
छठ का त्यौहार लाए खुशियों की बहार।
छठ मईया का आशीर्वाद मिले बार-बार,
हर मन में हो उमंग, हर घर में प्यार.
छठ के माटी, अरघ के पानी,
छठी मईया की भक्ति में खुशी के कहानी.
तोहर आशीष से बा घर के रौशनी,
छठी माई, तोहसे ही बा सबके जिनगी सजनी.
छठ पूजा की विशेषताएं
छठ महापर्व केवल पूजा-पाठ का पर्व नहीं है, बल्कि यह परिवार और समाज में एकता, अनुशासन और संयम का संदेश देता है. व्रती उपवास रखते हैं, घाटों पर पूजा करते हैं और सूर्य देव तथा छठी मैया से जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.
छठ महापर्व का सबसे सुंदर पहलू है संध्य और उषा अर्घ्य, जो जीवन के दो पहलुओं और नवजीवन का प्रतीक हैं. इस पर्व को मनाने से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि परिवार और समाज में प्रेम और सौहार्द भी बढ़ता है. आप इन विशेज, कोट्स और शायरी के माध्यम से अपनों के चेहरे पर मुस्कान और छठी मैया का आशीर्वाद दोनों ला सकते हैं.
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