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Eyes Tell Your Health
Eyes Tell Your Health: हमारी आंखें न सिर्फ दुनिया को देखने का जरिया हैं बल्कि कई बार ये हमारी सेहत का आईना भी बन जाती हैं। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी के अनुसार, आंखों के रंग में बदलाव बहुत ही दुर्लभ होता है, लेकिन कभी-कभी आंखों के सफेद हिस्से या पुतलियों का रंग बदलता हुआ दिखाई दे सकता है. यह आमतौर पर रोशनी, चमक या अन्य बाहरी कारणों से होता है, लेकिन कई बार यह शरीर में पनप रही बीमारियों का संकेत भी हो सकता है.
आंखों के रंग बदलने के कारण
आंखों का रंग बदलना या उनमें अलग रंग का दिखना कई कारणों से हो सकता है जैसे जेनेटिक फैक्टर, बीमारियां, दवाएं या किसी तरह की चोट (ट्रॉमा). आमतौर पर यह हानिकारक नहीं होता, लेकिन कभी-कभी यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत बन सकता है.
आंखों का पीला पड़ना
यदि आपकी आंखों का सफेद हिस्सा पीला दिखने लगे, तो यह पीलिया (Jaundice) का संकेत हो सकता है. यह तब होता है जब लिवर सही तरीके से काम नहीं करता और खून में बिलीरुबिन नामक पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है. इसके कारण त्वचा, आंखें पीली नजर आने लगती हैं. यह स्थिति लिवर रोग या संक्रमण की ओर इशारा करती है.
आइरिस फ्रेकल्स (Iris Freckles)
ये आंखों की सतह पर बनने वाले छोटे भूरे धब्बे होते हैं जो मेलेनिन के जमाव के कारण बनते हैं. ये धूप में अधिक समय बिताने वालों में सामान्य रूप से पाए जाते हैं. हालांकि ये नुकसानदेह नहीं होते, लेकिन अगर इनका आकार या रंग तेजी से बदलने लगे, तो डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है.
आइरिस नेवी (Iris Nevi)
आइरिस नेवी, आइरिस फ्रेकल्स से बड़े और गहरे रंग के उभार होते हैं जो आंखों पर तिल जैसे दिखाई देते हैं. ये मेलानोसाइट्स नामक पिग्मेंट सेल्स की अधिकता से बनते हैं. यह स्थिति दुर्लभ है और कभी-कभी कैंसर (Melanoma) का खतरा भी पैदा कर सकती है.इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है.
लिस्च नॉड्यूल्स (Lisch Nodules)
लिस्च नॉड्यूल्स छोटे भूरे रंग के उभार होते हैं जो आमतौर पर न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस (Neurofibromatosis) नामक जेनेटिक बीमारी से जुड़े होते हैं. यह एक नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर है, जिसमें तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं पर छोटे-छोटे ट्यूमर विकसित हो जाते हैं. हालांकि यह आंखों की दृष्टि को प्रभावित नहीं करते, लेकिन इनकी मौजूदगी डॉक्टर को रोग पहचानने में मदद करती है.
आंखे के डॉक्टर से लें सलाह
आंखों के रंग में बदलाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए. अगर आपकी आंखों में कोई असामान्यता, रंग परिवर्तन या धब्बे दिखें, तो तुरंत आंखे के डॉक्टर से सलाह लें. समय रहते पहचान ही आपकी आंखों और सेहत को सुरक्षित रख सकती है.
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