Baba Ramdev tips:अक्सर लोगों के शरीर में अचानक खुजलीदार और लाल रंग के उभरे हुए दाने या चकत्ते दिखाई देने लगते हैं. इतना ही नहीं इनका आकार व रंग भी समय के साथ बदलता रहता है.इसे पित्ती उछलने के नाम से भी जाना जाता है.यह त्वचा की बीमारी अर्टिकेरिया (Urticaria) है. यह चरम रोग है. लगभग 20 प्रतिशत लोगों को जीवन में कभी न कभी ये प्रभावित जरूर करता है. ये दाने शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं. इस दौरान पीड़ित व्यक्ति को बहुत खतरनाक खुजली होती है. इससे बदन और मुंह पर सूजन भी हो सकती है. यह बीमारी कभी अपने आप गायब हो जाती है तो कभी कई सालों तक आपको परेशान कर सकती है.मेडिकल में पित्ती उछलने की कई दवाएं और इलाज मौजूद हैं लेकिन कई बार दवाएं खाते रहने से भी यह समस्या जल्दी ठीक नहीं होती है. इसे कुछ घरेलू उपायों के जरिए भी सही किया जा सकता है. योग गुरु बाबा रामदेव ने पित्ती उछलने का एक जबरदस्त घरलू नुस्खा बताया है. ये इतना असरदार नुस्खा है 25 साल से अर्टिकेरिया से परेशान व्यक्ति को भी इससे आराम मिल गया. आइए जानते हैं इसके बारे में.
25 साल पुरानी बीमारी में मिला आराम
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक व्यक्ति बाबा रामदेव से बात करता हुआ नजर आ रहा है. नोएडा के रहने वाले उस व्यक्ति ने बताया कि उन्हें करीब 25 साल से अर्टिकेरिया की बीमारी थी. उन्होंने साल 2021 में बाबा रामदेव का एक नुस्खा अपनाना शुरू किया था जिससे उनकी बीमारी पूरी तरह खत्म हो गई है.
यहां जानिए पित्त उछलने का देसी इलाज
इन चीजों की पड़ेगी जरूरत
एक चम्मच गाय की घी
थोड़ी काली मिर्च
थोड़ा खांड (गुड़ का चूरा)
ऐसे करें सेवन
बाबा रामदेव ने अपनी सभा में पित्ती उछलने की समस्या से राहत दिलाने के लिए एक नुस्खा बताया था. उसे ही पीड़ित व्यक्ति ने अपनाया. उसने बताया कि इन तीनों चीजों के मिश्रण को सुबह-शाम खाली पेट लेना होता है. इससे पित्ती उछलने की समस्या करीब आठ महीने में खत्म हो जाती है.
पित्ती उछलने के लक्षण
लाल या गुलाबी चकत्ते जो त्वचा पर छोटे-छोटे या बड़े दाने के रूप में दिखाई दे सकते हैं
प्रभावित क्षेत्र में तेज खुजली या जलन महसूस होना
पित्ती कुछ समय बाद अपने आप गायब हो सकती है और नए स्थान पर उभर सकती है.
कभी-कभी यह सूजन के साथ भी हो सकती है, जिसे एंजियोएडिमा कहते हैं.
पित्ती उछलने के कारण
किसी भोजन, दवा, धूल, परफ्यूम, या जानवरों से एलर्जी इसकी वजह हो सकती है.
बहुत ठंडा या गर्म वातावरण भी इसकी वजह बन सकता है.
अधिक तनाव के कारण भी पित्ती हो सकती है.
वायरल, बैक्टीरियल, या फंगल संक्रमण के कारण भी हो सकती है.
कई बार कीड़े के काटने जैसे मच्छर या मधुमक्खी का डंक भी इसे जन्म दे सकता है.
कई बार दवाओं का रिएक्शन जैसे पेनिसिलिन, एस्पिरिन, या अन्य दवाओं से एलर्जी की वजह से हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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