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Baba Ramdev Tips
BabaRamdevTips: खराब लाइफस्टाइल ने कम उम्र में ही लोगों को गंभीर बीमारियों का शिकार बना दिया है. पहले घुटनों में और जोड़ों में दर्द की परेशानी 50 साल की उम्र के बाद होती थी लेकिन अब 35 से 40 साल की उम्र में ही यह समस्या आम हो गई है. आज कम उम्र में ही लोगों के कार्टिलेज घिसने की शिकायत हो रही है. कम उम्र में कार्टिलेज घिसने के कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे बढ़ा हुआ RheumatoidFactor, यूरिकएसिड, CRP और हड्डियों के मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी. जब ऑक्सीजन सप्लाई कम हो जाती है तो इंफ्लेमेशन बढ़ता है और कार्टिलेज घिसने लगते हैं. अगर आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो बाबा रामदेव के ये नुस्खे अपना सकते हैं.
बाबा रामदेव के मुताबिक, कई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि डाइट में कुछ खास फूड्स का सेवन करने से मनुष्यों में 2 महीनों में अच्छे परिणाम मिलते हैं. बुजुर्गों में 9 महीने तक लगातार अभ्यास करने पर पूरा घुटना नया बन सकता है. इसके लिए जरूरी है कि ऑक्सीजन की सप्लाई शरीर में पूरी तरह पहुंचे क्योंकि ऑक्सीजन कम होने पर सूजन और दर्द के मार्कर्स बढ़ जाते हैं. इसलिए लंबे सांस लेना बेहद जरूरी है.
किचन में मौजूद इन फूड्स का करें सेवन
बाबा रामदेव के मुताबिक, कम ऑक्सीजन ही सभी बीमारियों की जड़ है. साथ ही गलत खानपान, और प्रदूषण भी कार्टिलेज घिसने की बड़ी वजहें हैं. खड़े होकर पानी पीना, बिना ध्यान दिए भोजन करना और दिनभर एक ही मुद्रा में बैठना घुटनों पर दबाव डालता है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है सबसे पहले पैरों में कमजोरी आने लगती है. चलने में दिक्कत नहीं होती, लेकिन फुर्ती और ताकत कम हो जाती है. ऐसे में आप किचन में मौजूद कुछ फूड्स का सेवन करके घिसते हुए कार्टिलेज को रिपेयर कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि किस तरह से घिसे हुए कार्टिलेट का इलाज किया जा सकता है.
प्राणायाम करें
गहरी सांस लेने और प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे कोशिकाओं को अधिक ऊर्जा मिलती है. ये क्रिया न केवल फेफड़ों को मजबूत बनाती है बल्कि तनाव और मानसिक थकान को भी कम करती है. नियमित प्राणायाम शरीर में वात दोष को संतुलित करता है, जिससे हड्डियों और जोड़ों की जकड़न घटती है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. इससे कार्टिलेज को रिपेयर करने में भी मदद मिलती है.
काले तिल का करें सेवन
काला तिल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और आयरन, कॉपर, जिंक, कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिनबीकॉम्प्लेक्स, फोलेट और विटामिन ई का उत्कृष्ट स्रोत है. इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटीएसिड्स और सेसामिन (sesamin) जैसे यौगिक शरीर में सूजन को कम करते हैं और कार्टिलेज को रिपेयर करने में मदद करते हैं. काले तिल का नियमित सेवन जोड़ों के दर्द , हड्डियों की कमजोरी, और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है. यह न सिर्फ जोड़ों को मजबूत बनाता है, बल्कि शरीर की संपूर्ण हड्डियों की घनत्व (Bone Density) को भी बेहतर करता है.
रोज सुबह एक चम्मच गाय के घी का सेवन करें
गाय का घी शरीर को अंदर से पोषण देता हैं. इनमें मौजूद हेल्दीफैटीएसिड्स जोड़ों और हड्डियों को चिकनाई देता हैं, जिससे कार्टिलेज मजबूत और लचीले बनतें है. रोजाना सुबह खाली पेट इनका सेवन करने से पाचन सुधरता है, वात दोष कम होता है और जोड़ों में सूजन या दर्द की समस्या से राहत मिलती है. यह प्राकृतिक लुब्रिकेंट की तरह काम करते हैं.
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