बिना डॉक्टर की सलाह के क्या आप भी खा लेते हैं एंटीबायोटिक, जान लें शरीर पर इसका क्या होगा असर? PM मोदी ने दी चेतावनी

Antibiotic Side Effects: बिना डॉक्टर की सलाह एंटीबायोटिक लेना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस क्या है, इसके नुकसान और सही इस्तेमाल की जानकारी के बारे में.

Antibiotic Side Effects: बिना डॉक्टर की सलाह एंटीबायोटिक लेना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस क्या है, इसके नुकसान और सही इस्तेमाल की जानकारी के बारे में.

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Akansha Thakur
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Antibiotic Side Effects

Antibiotic Side Effects

Antibiotic Side Effects: अक्सर लोग खांसी, जुकाम, बुखार या शरीर दर्द होते ही मेडिकल स्टोर से दवा ले लेते हैं. कई लोग सालों से ऐसा कर रहे हैं. यही आदत अब गंभीर समस्या बन चुकी है. बिना जरूरत एंटीबायोटिक खाने से शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इस पर चिंता जताई है. उन्होंने लोगों से एंटीबायोटिक का समझदारी से उपयोग करने की अपील की है. ऐसे में चलिए हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि एंटीबायोटिक दवाईयों का आपके शरीर पर क्या असर पड़ेगा? 

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ICMR की स्टडी क्या कहती है? 

ICMR  की रिपोर्ट के अनुसार, बिना कारण एंटीबायोटिक लेने से एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस बढ़ रहा है. एंटीबायोटिक केवल बैक्टीरियल इंफेक्शन में असर करती है. लेकिन लोग वायरल बुखार, फ्लू और सर्दी-जुकाम में भी इनका सेवन कर रहे हैं. इससे दवाएं बेअसर होती जा रही हैं.

खुद से एंटीबायोटिक लेने के नुकसान

विशेषज्ञों के अनुसार, बार-बार एंटीबायोटिक लेने से बैक्टीरिया दवाओं के खिलाफ ताकत बना लेते हैं. नतीजा यह होता है कि जरूरत पड़ने पर भी दवा काम नहीं करती. कुछ मामलों में यह स्थिति जानलेवा भी साबित हो सकती है. सर्दी-जुकाम और गले की खराश अधिकतर वायरल होती है. ऐसी बीमारियां 3 से 4 दिन में खुद ठीक हो जाती हैं. इसके बावजूद लोग एजिथ्रोमाइसिन जैसी दवाएं ले लेते हैं. यह दवा बैक्टीरियल इंफेक्शन के लिए होती है, वायरल के लिए नहीं.

मेडिकल स्टोर से बिना पर्ची दवा मिलना

विशेषज्ञों का कहना है कि एंटीबायोटिक बिना डॉक्टर की पर्ची नहीं मिलनी चाहिए, लेकिन लोग आसानी से बिना पर्ची के मेडिकल स्टोर से ये दवाएं खरीद लेते हैं. इस कारण हल्के इंफेक्शन में भी दवाएं असर नहीं कर रही हैं जिसकी वजह से यूरिन इंफेक्शन से लेकर निमोनिया तक के इलाज में मुश्किलें बढ़ रही हैं.

PM मोदी वीडियो शेयर कर दी चेतावनी 

डॉक्टरों के मुताबिक, एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस को WHO ‘साइलेंट पैंडेमिक’ कह चुका है. अगर यही हाल रहा, तो आने वाले समय में आम बीमारियों का इलाज मुश्किल हो जाएगा. सामान्य इंफेक्शन भी जानलेवा बन सकता है. हाल ही में प्रधानमंत्री ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर कहा कि यह समस्या सिर्फ किसी एक व्यक्ति की नहीं है. अगर एंटीबायोटिक बेअसर होती गईं, तो इसका असर पूरे समाज और हेल्थ सिस्टम पर पड़ेगा. ऑपरेशन, डिलीवरी, कैंसर इलाज जैसे मामलों में भी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाएगा. उन्होंने साफ संदेश दिया कि "एंटीबायोटिक वो दवाएं नहीं हैं जिन्हें यूं ही ले लिया जाए."

किन बीमारियों में जरूरी है एंटीबायोटिक? 

  • निमोनिया
  • टाइफाइड
  • UTI (पेशाब का संक्रमण)
  • टीबी इन बीमारियों में भी एंटीबायोटिक केवल डॉक्टर की सलाह से लें. जितनी खुराक और जितने दिन बताए जाएं, उतना ही कोर्स पूरा करें.

क्या रखनी चाहिए सावधानी?  

बिना डॉक्टर की सलाह एंटीबायोटिक न लें

दवा का पूरा कोर्स जरूर करें

बची हुई दवा दोबारा इस्तेमाल न करें

किसी और की दवा खुद न लें

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