Kumbh Mela 2019: अब कुंभ मेला में क्रूज की सवारी भी कर सकेंगे श्रद्धालु
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज में नए साल से लोग जल परिवहन का आनंद ले सकेंगे.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जनवरी से मार्च तक चलने वाले कुंभ के लिए जलमार्ग का भी बखूबी इस्तेमाल किए जाने की तैयारी हो गई है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज में नए साल से लोग जल परिवहन का आनंद ले सकेंगे. भीड़ से बचकर कुम्भ मेला क्षेत्र में आने के लिए यमुना नदी में पांच घाटों पर टर्मिनल बनाए गए हैं जहां से लोग क्रूज की सवारी कर सीधे मेला क्षेत्र में आ सकेंगे. यह जानकारी बुधवार को गंगा राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के परियोजना निदेशक प्रवीर पांडेय ने दी.
प्रवीर पांडेय ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि 'प्रयागराज और वाराणसी के बीच बड़े बोट और क्रूज चलाए जाने की कार्ययोजना तैयार हो चुकी है, इसके लिए यमुना और गंगा नदी में पांच-पांच अस्थाई टर्मिनल भी तैयार कर लिए गए हैं. यमुना नदी में भी पांच अस्थाई टर्मिनल बनाए गए हैं.'उन्होंने बताया कि भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने किला घाट, सरस्वती घाट, नैनी ओल्ड ब्रिज और सुजावन घाट पर एक-एक फ्लोटिंग टर्मिनल स्थापित किए हैं.
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कुंभ के लिए प्रयागराज पहुंचे दो क्रूज
प्रवीर कुमार ने बताया, 'प्राधिकरण के दो जहाज सीएन कस्तूरबा और एसएल कमला प्रयागराज पहुंच चुके हैं. सीएल कस्तूरबा की क्षमता करीब 150 यात्रियों की है. दोनों जलयान कुंभ के दौरान यात्रियों के परिवहन के काम में लाए जाएंगे, इसके साथ ही निजी क्रूज और बड़े बोट भी लाइसेंस लेकर गंगा और यमुना नदियों में चलेंगे.उन्होंने बताया कि मेले के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए चटनाग, सिरसा, सीतामढ़ी, विंध्याचल और चुनार में पांच अस्थायी जेटी स्थापित की गई है.
पांडेय ने बताया कि इन जहाजों में सुरक्षा के पूरे इंतजाम हैं सुरक्षा की दृष्टि से इन पर दो गोताखोर भी तैनात रहेंगे. अभी तक लोगों को शहर से मेला क्षेत्र में आने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था, लेकिन क्रूज सेवा शुरू होने से लोगों खासकर बुजुर्गों को काफी सहूलियत मिलेगी. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण एक जनवरी को इन जहाजों को जिला प्रशासन को सौंप देगा. जिला प्रशासन के कर्मचारियों को पूरा प्रशिक्षण दे दिया जाएगा और वे ही इसका परिचालन करेंगे. परिचालन में प्राधिकरण के लोग भी सहयोग करेंगे. पांडेय ने बताया कि क्रूज का किराया जिला प्रशासन निर्धारित करेगा.
जर्मनी की कंपनी करेगी मदद
बताया गया कि प्रयागराज और वाराणसी के बीच कुछ पांटून ब्रिज होने के कारण दिक्कतें हैं क्योंकि जहाज को ऐसे पुलों के करीब रुकना पड़ता है लेकिन जर्मनी की एक कंपनी हाइड्रोमास्टर ऐसे पुलों को कुछ घंटों में खोलने और फिर जोड़ने की टेक्नॉलजी देने को तैयार हो गई है. इससे प्रयागराज और वाराणसी के बीच जल परिवहन को लेकर आ रही समस्या भी करीब-करीब दूर हो जाएगी.
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