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ED का नोटिस कश्मीर में 'स्वतंत्रता सेनानियों' को डराने का प्रयास: यासीन मलिक

जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मलिक ने कहा, 'इस तरह के डराने के नोटिस से हमारी लड़ाई की प्रतिबद्धता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।'

Updated on: 04 Nov 2017, 10:13 PM

highlights

  • मलिक ने कहा कि मुझे मीडिया से ईडी नोटिस की जानकारी मिली है, अब तक मुझे नोटिस नहीं मिला है
  • यासीन मलिक ने कहा कि भारतीय मीडिया भारतीय सेना के लिए जनसंपर्क (पीआर) का काम कर रही है

नई दिल्ली:

कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने शनिवार को उनके खिलाफ जारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह 'कश्मीर में स्वतंत्रता सेनानियों को डराने' का प्रयास है।

जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मलिक ने कहा, 'इस तरह के डराने के नोटिस से हमारी लड़ाई की प्रतिबद्धता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।'

मलिक ने कहा, 'मैं मौत की कोठरी में प्रवेश करने के लिए तैयार हूं। हमारे रोल मॉडल शाहिद मकबूल भट्ट हैं। हमारे दिल से कोई भी आजादी के लिए प्यार को नहीं छीन सकता। भारतीय मीडिया भारतीय सेना के लिए जनसंपर्क (पीआर) का काम कर रही है और टीवी के एंकरों को स्टूडियो में (सैन्य) यूनिफॉर्म पहन लेना चाहिए।'

केंद्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को 2001 के विदेशी मुद्रा अनियमितता मामले में मलिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

मलिक ने कहा, 'मुझे मीडिया से ईडी नोटिस की जानकारी मिली है। अब तक मुझे नोटिस नहीं मिला है।'

उन्होंने कहा, 'यह मामला 16 वर्ष पुराना है और उस समय का है जब हुर्रियत कांफ्रेंस एकजुट हुआ करती थी। मैं तब पूरी दुनिया और भारत में हुर्रियत का प्रतिनिधित्व करता था। यह वह समय था जब हुर्रियत ने चुनाव कराने के लिए समानांतर चुनाव आयोग की घोषणा की थी।'

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मलिक ने कहा, 'यह घोषणा तब की सरकार को हिला गई थी और हमें इसके होने वाले बुरे प्रभावों का अहसास था।'

उन्होंने कहा, 'विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत भेजे गए नोटिस से संबंधित मामला जम्मू न्यायालय में पहले से चल रहा है जिसमें मुझे जमानत मिली हुई है। जब एक जगह मामला चल रहा है तो दूसरे ट्रायल की क्या जरूरत है?'

जम्मू एवं कश्मीर के लिए सरकार की तरफ से दिनेश्वर शर्मा को वार्ताकार नियुक्त किए जाने पर उन्होंने कहा, 'सरकार ने वार्ताकार नियुक्त किया है, लेकिन सरकार का इरादा स्पष्ट नहीं है। भारत सरकार क्या चाहती है? वे हमारे लोगों को आतंकित करने और अलगाववादियों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा कि जब पीडीपी सत्ता से बाहर थी, तो वे सभी आतंकवादियों के अंत्येष्टि में आंसू बहाया करती थी और जब वह सत्ता में आ गई तो आप लोग देख सकते हैं कि वे कैसे पेलेट गन चलाते हैं।

मलिक ने कहा, 'कल (शुक्रवार को) महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि वार्ताकार के आने के बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को पीछे हटना चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'मेरे पास एक पुराना मिट्टी का घर (मड हाउस) है और अगर कोई यह साबित कर दे कि मेरे पास इसके अलावा कुछ और है तो मैं सक्रिय राजनीति छोड़ दूंगा।'

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