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यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा Photograph: (instagram)
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यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा Photograph: (instagram)
YouTuber Jyoti Malhotra: कश्मीर के क़ाज़ीगुंड में खींची गई एक सामान्य सी सेल्फी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ीएक गहरी जांच को जन्म दे दिया है, जो अब जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों से जुड़ी हुई है. यह महिला, ज्योति मल्होत्रा, जिसे पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उनके द्वारा खींची गई तस्वीर में ऐसा कुछ था जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का कारण बन गया.
सामान्य तौर पर देखी जाने वाली इस तस्वीर में ज्योति के पीछे एक सड़क का साइन board नजर आता है, जिस पर 'क़ाज़ीगुंड' लिखा हुआ है. यह छोटी सी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई और तस्वीर को लेकर जांच तेज़ हो गई. क़ाज़ीगुंड, जो कश्मीर का ‘गेटवे’ कहा जाता है, जम्मू और श्रीनगर को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर स्थित एक अहम स्थल है और इसे रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है.
क़ाज़ीगुंड, जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है, जो न सिर्फ भारत के भीतर सैनिक गतिविधियों के लिहाज से अहम है, बल्कि इसे कश्मीर घाटी में प्रवेश करने का मुख्य मार्ग माना जाता है. यहां से रेलवे और सड़क मार्ग दोनों से सामरिक आपूर्ति और सैनिकों की आवाजाही होती है. इस क्षेत्र में चल रही उच्च स्तरीय सैन्य गतिविधियों, जैसे कि पिछले महीने का पहलगाम आतंकी हमला और हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर, ने इस क्षेत्र के महत्व को और बढ़ा दिया है.
ज्योति मल्होत्रा ने पिछले दो वर्षों में कश्मीर की यात्रा की थी और इन यात्राओं में उन्होंने 'कम जानें वाले स्थानों' और 'सुरम्य मार्गों' पर वीडियो बनाए थे. हालांकि, इन वीडियो में जिन स्थानों को कैद किया गया है, जैसे कि रेलवे जंक्शन, हाईवे टोल प्वाइंट, और संचार टावर, वे सामान्य पर्यटक स्थल नहीं थे. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ये स्थान ऐसे नहीं थे जो किसी सामान्य यात्रा व्लॉगर द्वारा चुने जाते. इसके बजाय, ये स्थल सैन्य गतिविधियों और संरचनाओं से संबंधित हो सकते हैं, जो संदिग्ध रूप से रिसकी प्रतीत होते हैं.
ज्योति द्वारा खींची गई सेल्फी और वीडियो में, विशेष रूप से क़ाज़ीगुंड के बारे में, यह सवाल उठता है कि क्या यह केवल एक संयोग था, या फिर यह किसी योजनाबद्ध जासूसी गतिविधि का हिस्सा था? जांचकर्ताओं का मानना है कि शायद यह तस्वीरें और वीडियो जानबूझकर ऐसे स्थानों पर ली गईं, जिनकी सामरिक अहमियत थी, ताकि इनकी तस्वीरें एक यात्रा व्लॉग की तरह पेश की जा सकें.
सुरक्षा एजेंसियां अब ज्योति के डिवाइस से जुड़े मेटाडेटा, GPS डेटा, और टाइमस्टैम्प्स की जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने किन-किन दिनों और समय पर इन संवेदनशील स्थलों का दौरा किया था. इसके अलावा, उसके संपर्कों और यात्रा प्रायोजकों का भी विश्लेषण किया जा रहा है ताकि यह समझा जा सके कि कहीं उसकी गतिविधियों के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ तो नहीं था.
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