कौन है डॉ शाहीन शाहिद? 2006 में UPPSC, 2013 में लापता, 2015 में तलाक - जैश की महिला कमांडर की पूरी कुंडली

Delhi Red Fort Blast: कुछ साल पहले कानपुर की एक डॉक्टर की गुमशुदगी का मामला काफी चर्चा में था और अब पता चला है कि वह डॉक्टर दरअसल डॉ. शाहीन शाहिद ही थीं.

Delhi Red Fort Blast: कुछ साल पहले कानपुर की एक डॉक्टर की गुमशुदगी का मामला काफी चर्चा में था और अब पता चला है कि वह डॉक्टर दरअसल डॉ. शाहीन शाहिद ही थीं.

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Yashodhan.Sharma
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Dr-Shaheen-Shahid Photograph: (NN)

Delhi Red Fort Blast: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार धमाके के बाद अब लखनऊ सुर्खियों में है. इसकी वजह है डॉ. शाहीन शाहिद. धमाके के बाद यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लखनऊ के लालबाग स्थित डॉ. शाहीन शाहिद और उसके भाई डॉ. परवेज के घर पर संयुक्त छापेमारी की. इस कार्रवाई से पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया है.

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जैसे ही डॉ. शाहीन का नाम सामने आया, उसके कानपुर से जुड़े पुराने मामले की चर्चा फिर शुरू हो गई. कुछ साल पहले कानपुर की एक डॉक्टर की गुमशुदगी का मामला काफी चर्चा में था और अब पता चला है कि वह डॉक्टर दरअसल डॉ. शाहीन शाहिद ही थी.

कौन थी डॉ. शाहीन?

डॉ. शाहीन का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से हुआ था. वर्ष 2006 में शाहीन ने जी.एस.वी.एम. मेडिकल कॉलेज, कानपुर के फार्माकोलॉजी विभाग में प्रवक्ता के रूप में कार्यभार संभाला. अपने कार्यकाल में डॉ शाहीन अपनी गंभीरता, मेहनत और अनुशासन के लिए जानी जाती थी. वर्ष 2009 में उनका छह महीने के लिए तबादला कन्नौज मेडिकल कॉलेज में किया गया, जहां से अवधि पूर्ण होने पर दोबारा कानपुर लौट आई और अपना कार्य जारी रखा. लेकिन वर्ष 2013 में डॉ शाहीन अचानक रहस्यमय ढंग से लापता हो गई, जिससे उसके विभाग और परिवार दोनों में चिंता और अफरा-तफरी फैल गई.

बीते 19 साल में डॉ. शाहीन ने क्या-क्या किया 

1. वर्ष 2006 में कानपुर UPPSC के माध्यम से डॉ. शाहीन शाहिद का प्रवक्ता पद पर चयन हुआ था. 

2. साल 2009 में छह माह के लिए कन्नौज मेडिकल कॉलेज में तबादला कर दिया गया, जिसके बाद 2010 में वह वापस कानपुर आ गई.

3. इसके बाद कॉलेज के रिकॉर्ड के अनुसार, 2013 में डॉ. शाहीन ने कॉलेज को बिना किसी सूचना दिए ही अनुपस्थित हो गई थी. कहा जा रहा है इसी दौरान 2015 उसने अपने नेत्र रोग चिकित्सक पति से तलाक ले लिया था.

4. काफी पत्राचार हुए लेकिन शाहीन ने एक बार भी नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया. कॉलेज के अन्य साथियों ने भी संपर्क करने की कोशिश की, मगर कुछ पता नहीं चला. आखिरकार, 2021 में शासन ने उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया.

माना जा रहा है कि कन्नौज में तैनाती के दौरान ही उसका पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आना-जाना हुआ और यही से वह धीरे-धीरे टेलिस्कोप छोड़कर एक-47 तक पहुंच गई. 

30 अक्टूबर को हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि 30 अक्टूबर को हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस छात्र डॉ. मुज्जमिल अहमद को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उसके किराए के मकान की तलाशी में पुलिस को भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिली. पूछताछ में मुज्जमिल ने डॉक्टर शाहीन शाहिद का नाम लिया. इसके बाद पुलिस ने शाहीन शाहिद को भी हिरासत में ले लिया. जांच में पता चला कि मुज्जमिल के पास जो लग्जरी कार थी, वह शाहीन के नाम पर दर्ज है. उसी कार की डिक्की से पुलिस को एक AK-47 राइफल और कई मैगजीन मिलीं.

डॉ. शाहीन एक नामी अस्पताल में डॉक्टर के रूप में काम करती हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों ने दोनों के कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजेक्शन और सोशल मीडिया चैट की बारीकी से जांच शुरू कर दी. इसी जांच में शाहीन का लखनऊ से जुड़ाव सामने आया, जिसके बाद एजेंसियों को लखनऊ के डॉक्टर परवेज और कुछ अन्य लोगों से भी कनेक्शन मिलने की जानकारी मिली.

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