भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी हो चुकी है. लौटने के बाद उन्हें सबसे पहले क्या पीने को दिया जाएगा. कितनी देर के बाद उन्हें खाने को मिलेगा. यह सब जानने के लिए आइए समझते हैं डाइट की पूरी प्रक्रिया क्या होगी. शुभांशु के लौटने के बाद सबसे पहले उनका ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, ऑक्सीजन लेवल की जांच होगी. उन्हें कैप्सूल से बाहर निकालते ही रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS जैसा ड्रिंक) दिया जाता है. सॉल्टेड या इलेक्ट्रोलाइट्स वाला पानी शरीर में अचानक ब्लड प्रेशर गिरने से बचाता है. इस दौरान किसी तरह का ठोस खाना नहीं दिया जाता है.
पेट की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है
यात्रियों की सबसे पहले प्राथमिक जांच की जाती है. उन्हें सूप, जूस या लिक्विड डाइट दी जाती है. यात्री ठीक महसूस करें तो हल्का ठोस खाना-जैसे सूप, फल, या नरम ब्रेड दी जाती है. कई दिन लंबी अंतरिक्ष यात्रा के बाद पेट की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है. ऐसे में खाने की शुरुआत हल्के तरल पदार्थ से होती है. अगर यात्री ठीक महसूस कर रहे होते हैं और किसी तरह की मेडिकल इमरजेंसी नहीं है तो हल्का नाश्ता या भोजन दिया जाता है. कभी-कभी यात्री अपनी पंसद सामने रखते हैं
केवल लिक्विड डाइट पर निभर रहना होगा
स्पेस में माइक्रोग्रैविटी में पेट की पाचन क्रिया धीमी होती है. लौटने के बाद शरीर का फ्लूड बैलेंस और ब्लड प्रेशर बिगड़ता है. चक्कर, मतली, या लो ब्लड प्रेशर की वजह से भारी खाना खतरा हो सकता है. पहले शरीर को इलेक्ट्रोलाइट्स और लिक्विड के माध्यम से संतुलित किया जाता है. इस दौरान अगर यात्री को स्पेस सिकनेस या हार्ड लैंडिंग की वजह से झटका लगा तो उन्हें कुछ घंटों तक केवल लिक्विड डाइट पर निर्भर रहना होगा.
किस तरह का खाना देते हैं
अंतरिक्ष यात्री के पास आते ही उसे इलेक्ट्रोलाइट्स ड्रिंक, ग्लूकोज वॉटर, सूप, फ्रूट जूस, सादा फल (केला, सेब), नरम ब्रेड, बाद में साधारण भोजन दिया जाता है. 24 घंटे के बाद सामान्य खाना मिलता है. मेडिकल कंडीशन अगर ठीक है तो प्रोटोकॉल शरीर की रिकवरी और मेडिकल सेफ्टी को लेकर जरूरी है.
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