क्या होता है SIR, बिहार के बाद चुनाव आयोग पूरे देश में कराए जाने की कर रहा तैयारी

Special Intensive Revision: चुनाव आयोग बिहार के बाद जल्द ही पूरे देश में SIR कराने वाला है. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर एसआईआर है क्या. तो चलिए हम आपको बताये हैं कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन आखिर है क्या. जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है.

Special Intensive Revision: चुनाव आयोग बिहार के बाद जल्द ही पूरे देश में SIR कराने वाला है. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर एसआईआर है क्या. तो चलिए हम आपको बताये हैं कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन आखिर है क्या. जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है.

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Suhel Khan
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What is SIR

जानें क्या है एसआईआर Photograph: (Social Media)

Special Intensive Revision: बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का काम जारी है. इस बीच चुनाव आयोग ने कहा है कि वह पूरे देश में इस योजना का को लागू करेगा. इसके बाद देशभर में वोटर लिस्ट रिवीजन का काम शुरू हो जाएगा. बिहार में रविवार तक 1.69 करोड़ मतदाताओं ने फॉर्म भर दिया है. चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता बिना दस्तावेज के भी अपना फॉर्म भरकर जमा कर सकते हैं.

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जानें क्या है SIR?

चुनाव आयोग के मुताबिक, SIR यानी स्पेशल इंटेनसिव रिवीजन (विशेष गहन पुनरीक्षण) का मकसद मतदाता सूची से डुप्लिकेट और फर्जी मतदाताओं को हटाना है, खासकर उन मतदाताओं को जो स्थायी और वर्तमान दोनों पतों पर सूचीबद्ध हैं. चुनाव आयोग इस बात पर जोर देता है कि किसी क्षेत्र में वर्तमान में रहने वाले निवासियों के नाम ही मतदाता सूची में होने चाहिए, संवैधानिक मानदंडों के अनुसार यह सुनिश्चित करते हुए कि केवल भारतीय नागरिक ही मतदान कर सकते हैं. यह प्रक्रिया पिछली बार 2003 में की गई थी, जिसके तहत नामांकन और अयोग्य प्रविष्टियों को हटाने के लक्ष्य से शुरू की गई थी. बिहार में वर्तमान में लगभग 7.9 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं.

बता दें कि मतदाता सूची में चार प्रकार के संशोधन होते हैं. इनमें गहन, संक्षिप्त, आंशिक रूप से गहन और आंशिक रूप से संक्षिप्त और विशेष संशोधन शामिल है. गहन संशोधन के तहत बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करते हैं, जबकि संक्षिप्त संशोधन में मतदाता सूची को जोड़ने या हटाने संबंधी दावों और आपत्तियों के आधार पर जांच की जाती है. लेकिन इसमें घर-घर जाकर सत्यापन नहीं किया जाता. वहीं आंशिक रूप से गहन और आंशिक रूप से संक्षिप्त संशोधन में, मौजूदा सूचियों को एक प्रारूप के रूप में प्रकाशित किया जाता है, जबकि बूथ-स्तरीय अधिकारी साथ-साथ घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं. मतदाता सूची में सुधार के लिए एक तत्काल सुधारात्मक उपाय के रूप में एक विशेष संशोधन लागू किया जाता है.

एसआईआर के लिए चाहिए ये दस्तावेज

चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के लिए मतदाता के पास कुल 11 दस्तावेजों में से कोई भी एक होना अनिवार्य है.

1. इनमें केंद्र, राज्य या पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनभोगी का पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश (PPO) होना चाहिए.
2. या मतदाता के पास 01.07.1987 से पूर्व निर्गत किया गया कोई भी पहचान पत्र या प्रमाणपत्र या दस्तावेज होना जरूरी है.
3. इसके अलावा जन्म प्रमाण पत्र भी एसआईआर में जरूरी है.
4. या मतदाता के पास पासपोर्ट होना चाहिए.
5. इसके अलावा किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन या अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्र होना भी इसके लिए जरूरी है.
6. मतदाता के पास स्थायी निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए
7. वन अधिकार प्रमाण पत्र भी एसआईआर के लिए मान्य है.
8. जाति प्रमाण पत्र भी एसआईआर के लिए एक जरूरी दस्तावेज है.
9. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ये जिस राज्य में उपलब्ध हो.
10. वहीं राज्य या स्थानीय प्राधिकारों द्वारा तैयार किया गया पारिवारिक रजिस्टर भी एक दस्तावेज है.
11. या सरकार की कोई से कोई भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र भी इसके लिए जरूरी है.

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