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दिल्ली ब्लास्ट Photograph: (X)
दिल्ली में सोमवार को हुए रेड फोर्ट ब्लास्ट की जांच में पुलिस ने घटनाक्रम की पूरी टाइमलाइन जोड़ ली है. अब जो तस्वीर सामने आई है, वह सिहरन पैदा करने वाली है. CCTV फुटेज और सबूतों से पता चला है कि यह हमला किसी बड़े नेटवर्क की नहीं, बल्कि एक डॉक्टर-से-आतंकी बने शख्स की आखिरी और हताश कोशिश थी.
कौन था डॉ. उमर मोहम्मद?
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला 36 वर्षीय डॉ. उमर मोहम्मद पेशे से डॉक्टर था, लेकिन अंदर से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ा हुआ था. वह “व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क” का हिस्सा था एक ऐसा मॉड्यूल जो डॉक्टरों की आड़ में देश के खिलाफ साजिश रच रहा था.
दोस्तों की गिफ्तारी के बाद हुआ पैनिक?
इस नेटवर्क के दो और मेंबर्स, डॉ. अदील अहमद राथर और डॉ. मुझम्मिल शकील, पहले ही यूपी ATS और J&K पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में गिरफ्तार किए जा चुके थे. इन्हीं के ठिकानों से 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी. साथियों की गिरफ्तारी और नेटवर्क के खुलासे से डॉ. उमर घबरा गया. पुलिस के शिकंजे को करीब आता देख उसने खुद ही सुसाइड मिशन की राह पकड़ ली.
फरीदाबाद से लाल किले तक
CCTV के जरिए पुलिस ने उमर की पूरी रूट मैपिंग कर ली है. सुबह 7:00 बजे सफेद Hyundai i20 (नंबर HR 26CE 7674) फरीदाबाद के एशियन हॉस्पिटल के पास दिखी. सुबह 8:13 बजे गाड़ी बदरपुर टोल प्लाजा पार कर दिल्ली में दाखिल हुई. ड्राइवर सीट पर मास्क पहना व्यक्ति दिखा माना जा रहा है वही उमर था. दोपहर 3:19 बजे गाड़ी रेड फोर्ट के पास सनेहरी मस्जिद के पास की पार्किंग में दाखिल हुई.
तीन घंटे 29 मिनट की खामोश तैयारी
यहीं CCTV ने सबसे डरावनी तस्वीर दिखाई. उमर गाड़ी में लगातार 3 घंटे 29 मिनट तक बैठा रहा. उसने एक बार भी गाड़ी से बाहर कदम नहीं रखा. पुलिस का मानना है कि इसी दौरान उसने ANFO विस्फोटक को असेंबल या एक्टिवेट किया होगा और शाम का वक्त तय किया ताकि काफी भीड़ मिले. इसके बाद शाम 6 बजकर 52 मिनट पर उमर कार के साथ खुद को ब्लास्ट कर लेता है.
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