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दिल्ली ब्लास्ट केस Photograph: (NN/Freepik)
दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण कार ब्लास्ट की जांच हर एंगल से की जा रही है. शुरुआती जांच में शक है कि डॉ. उमर उ नबी, जो पेशे से डॉक्टर था, वही इस धमाके के पीछे फेस है. सोमवार शाम को हुए इस विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है.
कहां रहने वाला था उमर?
सूत्रों के अनुसार, डॉ. उमर, पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) के कोइल इलाके के रहने वाला था. उसका जन्म 24 फरवरी 1989 को हुआ था. पिता ग़ुलाम नबी भट सरकारी स्कूल में शिक्षक थे, लेकिन मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण उन्होंने 10–15 साल पहले नौकरी छोड़ दी थी. डॉ. उमर की मां शमीमा बानो और दो भाइयों के साथ एक बहन है. सभी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
आखिर कैसे डॉक्टर बन गया जिद्दाही
डॉ. उमर ने श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमडी किया और बाद में जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट रहा. फिलहाल वे फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम कर रहा था. जांच में सामने आया है कि वो डॉक्टरों के एक ऐसे ग्रुप का हिस्सा था जो टेलीग्राम चैनल्स के ज़रिए कट्टरपंथी बना. इस मॉड्यूल को पुलिस ने “फरीदाबाद मॉड्यूल” नाम दिया है.
कार उमर ही चला रहा था?
ब्लास्ट वाली सफेद हुंडई i20 कार को खुद उमर चला रहा था, ऐसा अनुमान है कि इसी दिन सुबह हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसके दो साथियों को 2,900 किलो विस्फोटक और हथियारों के साथ पकड़ा था. संभावना है कि साथियों की गिरफ्तारी के बाद उमर ने जल्दबाजी में यह आत्मघाती हमला किया. अब पुलिस ने उसके परिवार से डीएनए सैंपल लेकर जांच तेज कर दी है.
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