वक्फ संशोधन कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल का भांगड़ सोमवार को एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की कुल पांच मोटरसाइकिलों में आग लगा दी और सरेआम तोड़फोड़ की. बसंती हाइवे रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. इस आंदोलन का नेतृत्व आईएसएफ (ISF) कर रही है. सोमवार को कोलकाता के शियालदह में वक्फ विरोधी सभा आयोजित की गई थी, इसमें शामिल होने के लिए उत्तर और दक्षिण 24 परगना से भारी संख्या में आईएसएफ कार्यकर्ता रवाना हुए थे.
कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प शुरू
आरोप है कि बसंती हाइवे के बैरामपुर इलाके में पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प शुरू हो गई. हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें एक आईएसएफ कार्यकर्ता के सिर में गंभीर चोट आई. इसके विरोध में आईएसएफ समर्थक हाइवे पर ही धरने पर बैठ गए और सड़क जाम कर दी.
शोनपुर और भोजेरहाट में भी स्थिति बिगड़ी, जहां पुलिस पर पत्थरबाज़ी की गई. पुलिस ने कई इलाकों में बैरिकेडिंग कर सड़क को बंद करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ते रहे. भोजेरहाट के तीन रास्तों के मोड़ को भी घेरे में लिया गया.
कोर्ट पहुंचा हिंसा का मामला
मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के भड़की हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. आपको बता दें कि इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग घायल हो गए. शीर्ष अदालत के वकील शशांक शेखर झा ने हिंसा और मौतों की जांच को लेकर एक विशेष टीम बनाने तथा इस जांच की निगरानी सर्वोच्च न्यायालय से करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लोगों की जान बचाने और हिंसा रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.
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