Waqf Bill: वक्फ संशोधन विधेयक को संसद की संयुक्त समिति यानी जेपीसी की मंजूरी मिल गई है. अब जेपीसी की रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में पेश की जाएगी. लोकसभा सचिवालय के अनुसार, समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल और समिति के सदस्य संजय जायसवाल रिपोर्ट पेश करेंगे.
15 मतों से मंजूर हुआ विधेयक
समिति ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट जेपीसी सदस्यों के सुझावों को शामिल किया गया था. समिति की रिपोर्ट को 11 के मुकाबले 15 मतों से मंजूरी मिली. खास बात है कि सुझाव सिर्फ भाजपा सांसदों के स्वीकार किए गए थे. भाजपा सदस्यों ने कहा- अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, आधुनिकता और जवाबदेही लाता है.
वक्फ बोर्ड के कामकाज में हस्तक्षेप- विपक्ष
हालांकि, विपक्ष इस पर हमलावर है. विपक्षी सांसदों ने इसे असंवैधानिक करार दिया है. उनका आरोप है कि सरकार का ये कदम वक्फ बोर्ड्स को बर्बाद कर देगी. विपक्ष का कहना है कि ये विधेयक मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर हमला करता है. ये वक्फ बोर्ड के कामकाज में हस्तक्षेप करता है.
समिति ने कई बैठकें की
समिति के अध्यक्ष ने कहा- जेपीसी ने रिपोर्ट को 15-11 के बहुमत से स्वीकार कर लिया था. पिछले पांच से अधिक माह में समिति ने कई बैठकें की. उन्होंने इसके लिए देश भर के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को रिपोर्टों सौंपते वक्त समिति के अन्य सदस्य जैसे- तेजस्वी सूर्या, निशिकांत दुबे और संजय जायसवाल सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
वक्फ बिल में हुए 14 संंशोधन
वक्फ संशोधन विधेयक को 14 संसोधनों के साथ स्वीकार किया गया है. 14 बदलावों में एक बदलाव ये भी है कि अब अपनी संपत्ति सिर्फ वही व्यक्ति वक्फ कर सकता है, जो कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम का पालन कर रहा है. खास बात है कि वक्फ करते वक्त उस व्यक्ति को साबित करना होगा कि पांच साल से वह इस्लाम को मान रहा है.